Donald Trump 100% Tariff: अमेरिका द्वारा फार्मा कंपनियों पर 100% टैरिफ लगाया गया है. टैरिफ हमले के बाद अब से वैश्विक रूप से कई देशों की फार्मा कंपनियों पर असर पड़ेगा. कई भारतीय कंपनियों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा क्योंकि भारत से अमेरिका जेनरिक दवाओं के साथ और कई बीमारियों की दवा का एक्सपोर्ट करता है. इनमें कैंसर, हार्ट डीजीज और पैरासिटामोल जैसी मेडिसिन शामिल हैं.
भारत से कौन-कौन सी दवाएं लेता है अमेरिका?
अमेरिका मुख्यत: भारत से जेनेरिक दवाओं का सबसे ज्यादा निर्यात करता है. हालांकि, ट्रंप का टैरिफ उन कंपनियों पर लगा है, जो ब्रांडेड या पेटेंट कंपनी है. उन्हें सीधे तौर पर अपनी दवाओं के लिए अमेरिका में मेडिसिन प्लांट लगाने के निर्देश दिया है. भारत अमेरिका को 45% जेनेरिक और 15% बायोसिमिलर दवाएं सप्लाई करता है.
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1 अक्टूबर से जब टैरिफ इंपोज होगा तो निर्यात में 20-30% गिरावट देखी जा सकती है. इससे दवाओं की बिक्री घटेगी और कंपनियों की कमाई पर सीधा असर पड़ेगा. उदाहरण के लिए अगर कोई भारतीय दवा अमेरिका को 100 रुपये की बेच रहा है तो अब उसकी कीमत 70 से 80 रुपये रह जाएगी.
इन दवाओं पर सीधा असर
जेनेरिक दवाएं- ये दवाएं सामान्य मेडिसिन्स होती हैं जिन पर किसी तरह का कोई भी पेटेंट नहीं होता है. ये कई ब्रांड में तैयार की जाती है और असरकारी मानी जाती है. अमेरिका को भारत से सबसे ज्यादा ये दवाएं भेजी जाती है.
जेनेरिक दवाओं में हाइपरटेंशन, मेंटल हेल्थ, बर्थ कंट्रोल, एंटीबायोटिक्स, वजन घटाने वाली दवा, बुखार की दवा और हृदय रोग की दवाएं शामिल हैं. इनमें भी कई ब्रांड की जेनेरिक मेडिसिन को नुकसान झेलना पड़ सकता है.
कैंसर की दवाएं- ये दवाएं कॉम्प्लेक्स जेनेरिक्स दवाएं होती है. सन फार्मा जैसी भारतीय कंपनी अमेरिका को कैंसर और डायबिटीज की दवा भेजती है.
HIV समेत ये दवाएं भी प्रभावित- 100 प्रतिशत टैरिफ से एड्स, रेस्पिरेटरी और इंजेक्टेबल्स दवाओं पर भी असर दिखेगा. इन बीमारियों के लिए अमेरिका का 40% प्रिस्क्रिपशन भारत पर निर्भर करता है.
कई दवा कंपनियों पर दिखेगा असर
भारत की सन फार्मा, डॉक्टर रेडी लैब, अरबिंदो फार्मा, ल्यूपिन, जाइडस लाइफसाइंसेज और सिप्ला जैसी कंपनियों पर सीधा-सीधा असर पड़ेगा. पहले लगे टैरिफ से इन कंपनियों के शेयर 1-6% गिरे थे. अब नए टैरिफ बम से कंपिनयों को और भी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है. कंपनियों को 20-30% तक निर्यात में कटौती देखने को मिल सकती है.
कैसे होगा नुकसान?
अगर 100% टैरिफ दवाओं पर लगता है तो कंपनियां 50-70% लागत सोखेंगी. इससे कंपनी को 20 से 30% तक गिरावट हो सकती है. अमेरिकी खरीदार वियतनाम और बांग्लादेश की ओर रुख कर सकते हैं. इससे भारत का US शेयर 45% से घटकर 30% हो सकता है. वहीं, लंबे समय बाद सप्लाई चेन डिसरप्शन से अमेरिका में दवा की कमी हो सकती है और भारत में बेरोजगारी बढ़ सकती है.
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