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क्या ट्रंप भारत को फिर देंगे झटका? H-1B वीजा बंद करने की प्लानिंग, भारतीयों पर ऐसे पड़ेगा असर

US H1B Visa: टैरिफ के बाद अमेरिका H1B वीजा को लेकर झटका देने की तैयारी में है। अमेरिका वीजा और ग्रीन कार्ड प्रोग्राम बंद करने की प्लानिंग कर रहा है। ट्रंप सरकार और प्रशासन के अधिकारी वीजा प्रोग्राम बंद करने की मांग कर रहे हैं, जिसका सबसे ज्यादा असर भारत पर पड़ेगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 28, 2025 13:21
H1B Visa | US Green Card | Donald Trump
टैरिफ के बीच H1B वीजा को लेकर अमेरिका कुछ स्कीम बना रहा है।

H1B Visa News Update: भारत और अमेरिका में बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रपति ट्रंप के गृह राज्य फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डिसैंटिस ने कहा है कि H1B वीजा एक स्कैम है, क्योंकि H1B वीजा धारक ज्यादातर एक ही देश भारत से आते हैं। यह एक तरह की कॉटेज इंडस्ट्री बन गई है, जो मुख्य रूप से एक ही देश से जुड़ी है। बता दें कि अमेरिका में H1B वीजा और ग्रीन कार्ड प्रोग्राम को बंद करने की मांग उठ रही है।

क्या कहते हैं फ्लोरिड के गवर्नर?

ट्रंप सरकार और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ही नहीं, बल्कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता भी H1B वीजा और ग्रीन कार्ड प्रोग्राम को बंद करने की मांग कर रहे हैं। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डिसैंटिस कहते है कि H1B वीजा धारक सबसे ज्यादा भारत के हैं और वे अमेरिका की कंपनियों में काम कर हैं, लेकिन प्रॉब्लम यह आ रही है कि अमेरिका के नागरिकों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। वहीं H1B वीजा धारक कर्मचारियों को नौकरियों पर रखने में प्राथमिकता दी जा रही है और उनका कार्यकाल तक बढ़ाया जा रहा है। कंपनियों की यह पॉलिसी ठीक नहीं है, इससे अमेरिका के लोगों में आक्रोश बढ़ सकता है।

क्या कहते हैं कमर्शियल सेक्रेटरी?

अमेरिका के कमर्शियल सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने भी फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में H1B वीजा को घोटाला बताया। उन्होंने कहा कि भारत को फायदा न पहुंचाकर अब अमेरिका के लोगों को नौकरियों पर रखने का समय आ गया है और ट्रंप सरकार से आग्रह है कि अमेरिका के फायदे के लिए वीजा प्रोग्राम का रिव्यू किया जाए। H1B वीजा धारकों को लेकर कंपनियों की पॉलिसी फायदेमंद नहीं हैं। बता दूं कि अमेरिकी नागरिक सालाना 75000 डॉलर कमाता है, जबकि ग्रीन कार्ड होल्डर सालाना 66000 डॉलर कमाता है, यानी कंपनियां ऐसे लोगों को चुन रही हैं, जो कम सैलरी पर काम करने को राजी हो जाते हैं।

H1B वीजा होल्डर भारतीयों की संख्या

US सिटीजेनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के अनुसार, अमेरिका के H1B वीजा प्रोग्राम के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय रहे हैं, जिनकी 70% से ज्यादा हिस्सेदारी है। चीन इसमें 12-13% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर हैं। USCIS ने साल 2025 के आंकड़े तो जारी नहीं किए हैं, लेकिन साल 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में H1B वीजा धारकों की संख्या 309986 (73.9%) थी। अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक 279000 (72.3%) भारतीयों को H1B वीजा मिला था। अप्रैल-सितंबर 2024 में 130000 भारतीयों को H1B वीजा अलॉट हुए थे।

क्या है H1B वीजा प्रोग्राम?

बता दें कि H1B वीजा अमेरिका द्वारा दिया जाने वाला नॉन-इमिग्रेट वीजा है, जिसके तहत दूसरे देशों के लोगों को अमेरिका की कंपनियों में नौकरी करने का मौका मिलता है। हायर एजुकेशन, स्पेशल स्किल्ड या टेक्नोलॉजिकल एक्सपर्ट्स को यह वीजा दिया जाता है, जैसे IT और सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर, फाइनेंस या अन्य प्रोफेशनल्स। वीजा प्रोग्राम के तहत अमेरिका की कंपनियों को स्किल्ड और एक्सपर्ट लोगों को नौकरियों पर रखने का अधिकार मिल जाता है। H1B वीजा 3 साल के लिए अलॉट होता है, जिसे 3 और साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: US Visa Terms: विदेशी छात्रों के लिए अमेरिका का बड़ा फैसला, लागू हुए नए वीजा नियम

टैरिफ का क्या पड़ेगा असर?

बता दें कि अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है। इसका असर भारतीय IT कंपनियों और H1B वीजा होल्डर्स पर भी पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिका की कंपनियों के लिए H1B वीजा होल्डर भारतीयों को हायर करना महंगा हो जाएगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने H1B वीजा प्रोग्राम के नियमों को पहले से ज्यादा सख्त भी कर दिया है। ऐसे में भारतीय H1B वीजा धारकों की नौकरियों पर खतरा मंडरा गया था और नए वीजा मिलने में भी परेशानी आ रही थी। टैरिफ लगने के बाद और ज्यादा परेशानी भारतीयों को उठानी पड़ सकती है।

वीजा बंद होने से क्या पड़ेगा असर?

बता दें कि रिपब्लिकन सीनेटर माइक ली ने कहा है कि क्या H-1B वीजा प्रोग्राम को बंद करने का समय आ गया है? ऐसे में अगर वीजा बंद हो जाता है तो भारतीयों का अमेरिका जाने, अमेरिका में नौकरी और पढ़ाई करने का सपना टूट जाएगा। वर्तमान में अमेरिका में नौकरी या पढ़ाई कर रहे भारतीयों को मुश्किल हो सकता है। नौकरी जा सकती है, कोर्स अधूरे रह सकते हैं। वीजा बंद होने पर लाखों भारतीय बेरोजगार हो सकते हैं।

भावनात्मक नुकसान झेलेंगे भारतीय

वीजा बंद होने के बाद 60 दिन का समय मिलेगा, फिर उन्हें देश छोड़ा पड़ेगा। जब वे भारत लौटेंगे तो भावनात्मक नुकसान होने के साथ-साथ आर्थिक परेशानी होंगी। कानूनी पचड़ों में भी भारतीय फंस सकते हैं। छात्रों को अपने भविष्य को फिर से संवारना होगा। नए सिरे से प्लानिंग करके किसी दूसरे देश में एजुकेशन प्रोग्राम तलाश करने होंगे या भारत में ही पढ़ाई करनी होगी।

यह भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप का भारत को झटका, अब कमर्शियल ड्राइवरों को वर्कर वीजा नहीं देगा अमेरिका

First published on: Aug 28, 2025 12:57 PM

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