Trump Tariffs Options: अमेरिका की संघीय अपील अदालत ने राष्ट्रपति ट्रंप को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ को गैर-कानूनी करार दिया है। कोर्ट का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। संविधान के अनुसार, टैरिफ और टैक्स लगाने का अधिकार केवल अमेरिकी संसद के पास है। ऐसे में सवाल यह उठा है कि अगर टैरिफ रद्द हो जाएं तो राष्ट्रपति ट्रंप के पास व्यापार घाटे को कम करने के लिए क्या विकल्प हैं?
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फैसले को चुनौती देंगे राष्ट्रपति ट्रंप
बता दें कि संघीय अदालता का फैसला 14 अक्टूबर से लागू होगा। इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है, क्योंकि यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप की इकोनॉमी पॉलिसी को बड़ा झटका है, क्योंकि कोर्ट के फैसले से राष्ट्रपति ट्रंप के मनमाने टैरिफ पर रोक लगा दी है और इस पर अंतिम फैसला अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ही लेगी और अगर टैरिफ रद्द हो जाते हैं और कानून के अनुसार टैरिफ लगाया जाता है तो कई देशों को बड़ा फायदा होगा।
ट्रंप के पास होंगे ये 2 विकल्प
अगर सुप्रीम कोर्ट भी ट्रंप टैरिफ पर रोक लगा देती है तो अमेरिका के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप के पास व्यापार घाटा कम करने के 2 रास्ते हैं। पहला अमेरिका के ट्रेड एक्ट 1974 के तहत वे टैरिफ लगा सकते हैं, लेकिन 15 प्रतिशत से ज्यादा टैरिफ नहीं लगा पाएंगे और यह 15 प्रतिशत टैरिफ भी सिर्फ 150 दिन के लिए लगाया जा सकता है और सिर्फ उन देशों पर लगाया जा सकता है, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा ज्यादा हुआ है।
दूसरा, ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट 1962 के तहत स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो पर राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ लगास सकते हैं, लेकिन इस पर वे स्वतंत्र फैसला नहीं ले सकेंगे, बल्कि कमर्शियल डिपार्टमेंट की जांच और सिफारिश जरूरी होगी।
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टैरिफ रद्द होने से होगा नुकसान
बता दें कि अगर सुप्रीम कोर्ट भी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ रद्द कर देती है और टैरिफ हटा लिए जाते हैं तो अमेरिका को वसूले जा चुके टैरिफ वापस करने पड़ेंगे, जिससे अमेरिका को आर्थिक नुकसान होगा। करीब 159 अरब डॉलर लौटाने होंगे, इससे अमेरिका के राजकोष को वित्तीय नुकसान उठाना होगा। ट्रंप की टैरिफ लगाने की पावर, नेगोशिएशन करने की पावर कमजोर पड़ जाएगी और दूसरे देशों की सरकारें अमेरिका पर दबाव डाल सकती हैं।