Trump Tariffs News: अमेरिका के राष्ट्रपति एक बार फिर टैरिफ का बम फोड़ने के लिए तैयार हैं. जी हां, फार्मा इंडस्ट्री पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर राष्ट्रपति ट्रंप के निशाने पर हैं, जिसके चलते दुनियाभर के कई देशों में लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट महंगे हो सकते हैं. रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप अब चिप बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगा सकते हैं और इसकी प्लानिंग व्हाइट हाउस में चल रही है, लेकिन खास बात यह है कि टैरिफ प्रोडक्ट में लगी चिप के आधार पर लगाया जाएगा.
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ऑफिशियल जानकारी अभी नहीं आई है सामने
हालांकि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नए टैरिफ को लेकर ऑफिशियल स्टेटमेंट या जानकारी सामने नहीं आई है. न ही यह तय हुआ है कि चिप बेस्ड किन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगेगा और इसकी दरें क्या होंगी? लेकिन नए टैरिफ से इलेक्ट्रोनिक प्रोडक्ट लैपटॉप से लेकर टूथब्रश तक महंगे हो सकते हैं. सेमीकंडक्टर कंपनियों पर भी असर पड़ेगा. अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के अर्थशास्त्री माइकल स्ट्रेन कहते हैं कि अमेरिका पहले ही महंगाई झेल रहा है और अब नए टैरिफ लगने से महंगाई और ज्यादा बढ़ सकती है.
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मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को वापस लाना मकसद
टैरिफ लगाने से बेशक अमेरिका में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन घरेलू वस्तुएं इनपुट कॉस्ट बढ़ने से महंगी हो जाएंगी. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई कह चुके हैं कि ट्रंप सरकार राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. अमेरिका सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट्स के लिए विदेशी आयात पर निर्भर नहीं रह रहना चाहता. राष्ट्रपति ट्रंप का टैरिफ लगाने का मकसद ही अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को विदेशों से वापस अमेरिका लाना और उन्हें अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी में शामिल करना है.
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सेमीकंडक्टर एक्सपोर्ट पर 100% टैरिफ का वादा
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप सेमीकंडक्टर एक्सपोर्ट पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कह चुके हैं, लेकिन वे अमेरिका में प्लांट लगा चुकी विदेशी कंपनियों को इस टैरिफ से छूट दे सकते हैं. वहीं सेमीकंडक्टर एक्सपोर्ट में ताइवान और इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट में सैमसंग सबसे बड़े सप्लायर हैं, जिन पर टैरिफ का असर पड़ सकता है. वहीं ट्रंप सरकार की प्लानिंग चिप बेस्ड प्रोडक्ट्स पर 25%, जापान और यूरोपीय संघ के इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट पर 15% टैक्स लगाने की तैयारी है.