---विज्ञापन---

दुनिया

‘और ज्यादा टैरिफ लगा दूंगा अगर…’, क्या है डिजिटल सर्विस टैक्स? जिसे लेकर ट्रंप ने दुनिया को धमकाया

Digital Service Tax: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ के बाद डिजिटल सर्विस टैक्स को लेकर चेतावनी देने लगे हैं। उन्होंने धमकाया है कि अगर अमेरिका की कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाया तो जवाब में और ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा। इसलिए टैरिफ के बदले कार्रवाई करते समय देश सोच-विचार जरूर कर लें।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 29, 2025 12:27
Donald Trump | Trump Tariffs | Digital Service Tax
राष्ट्रपति ट्रंप को टैरिफ के जवाब में डिजिटल सर्विस टैक्स लगने का डर सता रहा है।

What is Digital Service Tax: टैरिफ विवाद के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के देशों को एक और धमकी दी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर टैरिफ के बदले जवाबी कार्रवाई करते हुए देशों ने अमेरिका पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगाया तो और ज्यादा टैरिफ लगा दूंगा। उन्होंने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर इस बारे में एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि जो देश अमेरिका की टेक कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाएगा, जवाब में उसके निर्यात पर लगा टैरिफ बढ़ा दिया जाएगा।

क्या भारत लगाएगा डिजिटल टैक्स?

बता दें कि अगर भारत 50 प्रतिशत टैरिफ के बदले अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई करे तो भारत डिजिटल सर्विस टैक्स लगा सकता है। गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट, मेटा और अमेजन पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगाने का विकल्प भारत के पास है, लेकिन अभी तक इस पर भारत ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

---विज्ञापन---

बता दें कि साल 2025-26 के बजट में घोषणा करके अमेरिका की टेक कंपनियों पर लगा डिजिटल सर्विस टैक्स खत्म कर दिया था। 1 अप्रैल 2025 से यह आदेश लागू हुआ था, लेकिन डिजिटल टैक्स इसलिए हटाया गया था, ताकि अमेरिका के साथ ट्रेड डील में फायदा मिले, लेकिन ट्रंप ने भारत के लिए नरम रुख नहीं अपनाया।

भारत में डिजिटल सर्विस टैक्स ‘इक्विलाइजेशन लेवी’ कहलाता है। साल 2016 में भारत ने 6 फीसदी डिजिटल टैक्स लगाया हुआ था, जिसे साल 2025-26 के बजट में खत्म किया गया। भारत ने दुनियाभर की ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी 2 प्रतिशत ट्रांजेक्शन टैक्स लगाया हुआ था, जिसे भी अब खत्म कर दिया गया है।

---विज्ञापन---

‘टैरिफ विवाद से ट्रंप झेलेंगे नुकसान’, अमेरिकी संसद ने की राष्ट्रपति की आलोचना, कहा- भारत को टारगेट करना गलत

क्या लिखा है ट्रंप ने पोस्ट में?

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर पोस्ट लिखी थी। इसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि अमेरिका पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगाते समय देश सावधान रहें। कई देशों के यहां डिजिटल टैक्स एक्ट, रूल्स एंड रेगुलेशन हैं। अगर किसी ने अमेरिका पर डिजिटल टैक्स लगाया तो टैक्स लगाने वाले सभी देशों पर और ज्यादा टैरिफ लगा दूंगा।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनियाभर के 90 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाया है। 10 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है, जिसमें से भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। हालांकि कई देशों ने टैरिफ का विरोध करते हुए अमेरिका के खिलाफ एक्शन लिया है और जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन ट्रंप टैरिफ को लेकर अड़े हैं।

क्या है डिजिटल सर्विस टैक्स?

डिजिटल सर्विस टैक्स इंटरनेशनल टेक कंपनियों पर लगाया जाता है, लेकिन यह टैक्स उन कंपनियों पर लगता है, जो दूसरे देश में एक्टिव होती हैं और वहां के यूजर्स से पैसा कमाती हैं, लेकिन उस देश में उनकी ब्रांच, ऑफिस, फैक्ट्री या कंपनी नहीं होती है, यानी फिजिकल मौजूदगी नहीं होती। ऐसी स्थिति में संबंधित देश उस कंपनी पर डिजिटल टैक्स लगा सकता है।

ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच भारत का बड़ा फैसला, BRICS देशों संग रुपये में लेन-देन के लिए मंजूरी जरूरी नहीं

कंपनियां ऐसे कर रहीं कमाई

वर्तमान में गूगल, मेटा और यूट्यूब जैसी कंपनियां वीडियो, इंटरनेट सर्फिंग, कंटेट और सोशल नेटवर्किंग की सर्विस देकर अरबों रुपये कमा रही हैं। अमेजन, नेटफ्लिक्स, स्पॉटीफाई जैसी स्ट्रीमिंग सर्विसज कंपनियां बिना कोई ब्रांच या ऑफिस खोले सब्सक्रिप्शन के जरिए अरबों रुपये कमा रही हैं। ई-कॉमर्स कंपनियां अमेजन, फ्लिपकार्ट सामान बेचकर पैसा कमाती हैं।

इन देशों ने लगाया था डिजिटल टैक्स

बता दें कि ट्रंप का टैरिफ लगने के बाद कनाडा ने अमेरिका की टेक कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाया था, लेकिन बाद में वापस ले लिया था, क्योंकि डिजिटल टैक्स को राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका पर हमला माना और कनाडा के साथ व्यापार वार्ता कैंसिल कर दी थी। साथ ही ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। यूरोपीय संघ के देशों ने भी अमेरिका की कंपनियों पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगाया था, जिसे बाद में वापस ले लिया था।

First published on: Aug 29, 2025 07:52 AM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.