Train Hijack in Pakistan Inside Story: पाकिस्तान में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने हाईजैक कर लिया था। 425 यात्रियों से भरी इस ट्रेन को बोलान दर्रे के दुर्गम इलाके में हाईजैक किया गया था, जहां चारों तरफ पत्थर ही पत्थर थे। करीब 32 घंटे तक ट्रेन बलूच लड़ाकों के कब्जे में रही। बुधवार रात इस ट्रेन को हमलावरों से छुड़ा लिया गया। 33 बलूच लड़ाकों को मारकर सभी बंधक रिहा कराए गए। यह दावा पाकिस्तान की सरकार ने किया।
बलूच लड़ाकों ने इस दावे को झुठलाया और कहा कि उन्होंने 100 बंधकों का मार दिया है और 154 बंधक अभी भी उनके कब्जे में हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सिर्फ पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के जवानों को बंधक बनाना था। आम नागरिकों को ट्रेन हाईजैक करते ही रिहा कर दिया गया था। यह यात्री 2 घंटे पैदल चलकर बलूचिस्तान के पनीर और मच रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां से इन्हें मालगाड़ी में बिठाकर उनके घर पहुंचाया गया। इस दौरान घायल हुए यात्री अस्पताल पहुंचे, जिन्होंने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई। आइए जानते हैं कि बंधकों ने मीडिया और पुलिस को क्या बताया? उनके साथ बलूच लड़ाकों ने क्या और कैसा बर्ताव किया?
Baloch Rebels are much more better than Pakistanis🙏
---विज्ञापन---Women and children were provided safe passage and taken to Quetta instead of making Prisoners of War or S*x Slave.#TrainHijack pic.twitter.com/XdwNp8g5eq
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) March 12, 2025
2 घंटे पैदल चलकर स्टेशन पर पहुंचे
ट्रेन हाईजैक के बंधकों ने मीडिया को बताया कि अचानक झटके खाकर ट्रेन रुक गई। बाहर निकलकर देखा तो इंजर पटरी से उतरा हुआ था। सामने से नकाबपोश लोग हाथों में हथियार लेकर आ रहे थे, जिन्होंने गोलियां चलाई। यह देखकर लगा, जैसे मौत आ गई हो साथ लेने। वे लोग ट्रेन में चढ़कर गए और उन्होंने पहचान पत्र चेक किए। एक यात्री नूर मोहम्मद ने बताया कि अचानक धमाका हुआ और भीषण गोलीबारी हुई। जान बचाने के लिए कुछ लोग ट्रेन से कूदकर भागने लगे, जिन्हें हमलावरों ने धमकी देकर वापस बुला लिया।
एक महिला ने बताया कि हम ट्रेन के अंदर बैठे थे, अचानक धमाका हुआ। कुछ लोगों ने ट्रेन से बाहर निकलने को कहा और बोले कि सीधे मुंह करके चले जाओ। पीछे मुड़कर देखा तो गोली मार देंगे। 2 घंटे तक पथरीले रास्ते पर चलते रहे। कड़ी धूप में भूख प्यार के मारे हाल बेहाल हो गया था। बच्चे रोने बिलखने लगे थे। उनके पैरों में जख्म हो गए थे। पीने को पानी भी नहीं था। एक यात्री मोहम्मद अशरफ ने बताय कि बेहद डरावना मंजर था। ऐसा लगा जैसे कयामत आ गई हो। दहशत और डर का माहौल था। हमलावरों ने महिलाओं, बुजुर्ग यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन पुरुषों के हाथ बांध दिए थे। वे लगातार फायरिंग कर रहे थे।
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बम से बंधी जैकेट पहनकर बंधकों के बीच बैठे हमलावर
एक यात्री ने बताया कि ट्रेन हाईजैक हुई तो इंजन के बाद की 3-4 बोगियों में जो लोग सवार थे, उन्हें बाहर नहीं आने दिया गया। बलूच लड़ाके आत्मघाती जैकेट पहनकर उनके बीच बैठ गए थे। उनके शरीर पर बम बंधे हुए थे और उनके लीडर कह रहे थे कि जैसे ही आदेश हों, बमों को उड़ा देना। अलग बलूचिस्तान लेकर रहेंगे, पाकिस्तान को सबक सिखाकर रहेंगे।
एक बुजुर्ग यात्री ने बताया कि ट्रेन रुकते ही हमलावरों ने उन पर बंदूक तान दी थी, उन्होंने कहा कि उनसे कोई दुश्मनी नहीं है। डरो मत, कुछ नहीं करेंगे। जो फैमिली के साथ हैं, वे जा सकते हैं, लेकिन अकेले यात्री डर के मारे कांपने लगे थे। जैसे-तैसे रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और सुकून की सांस ली, वरना मौत सामने देखकर सांसें हलक में अटकी थीं।