संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाद चीन के के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ है. यह प्रदर्शन तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए किया गया. कई लोग संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर एकत्रित होकर चीन को तिब्बत से बाहर करो, तिब्बत को आजाद करो जैसे नारे लगाए गए. प्रदर्शन के लिए पहुंचे समूह के एक शख्स ने कहा कि हम बस विश्व के नेताओं से तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए अनुरोध करने आए हैं.
चीन के खिलाफ नारेबाजी करने वाले लोग तिब्बती कार्यकर्ता थे, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए और चीन के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों “तिब्बत को आजाद करो, चीन बाहर करो, चीन तिब्बत से बाहर करो” के नारे लगाए. न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के तिब्बती युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष ताशी टुंडुप ने कहा, “हम यहां संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों, विश्व नेताओं से तिब्बत का समर्थन करने, तिब्बती स्वतंत्रता के लिए अनुरोध करने आए हैं.”
1970 में बने तिब्बती युवा कांग्रेस तिब्बत की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करने वाला समूह है और इसमें तीस हजार से अधिक सदस्य हैं. यह समूह तिब्बत की राजनीतिक स्थिति के बारे में सक्रिय रूप से विरोध प्रदर्शन और जागरूकता अभियान चलाता रहा है. बता दें कि चीन के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र के साथ हुआ, जहां विश्व के नेता वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पहुंचे थे.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा के चौथे दिन चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने सभा को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान ली ने डोनाल्ड ट्रंप का नाम तो नहीं लिया, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति की व्यापार नीतियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है.
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वहीं बलूच समुदाय के लोगों ने भी बलूचिस्तान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है. शुक्रवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों ने “मुक्त बलूचिस्तान” की मांग की है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, बलूच नेशनल मूवमेंट के सामी बलूच ने संयुक्त राष्ट्र महासभा ( यूएन जीए) के 80वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान वैश्विक शांति और बलूचिस्तान की स्थिति की अनदेखी करने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आलोचना की. उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम फिलिस्तीन के लिए शांति चाहते हैं। हम बलूचों का क्या? आपने 1948 से हम पर जबरन कब्जा कर रखा है, आप हत्याएं कर रहे हैं, अदालतों में हमारे लोगों को मार रहे हैं.