Temple Attack: ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और बांग्लादेश में हाल ही में मंदिरों पर हमले की खबरें आई हैं। मंदिरों पर हमलों को लेकर अमेरिका ने सख्ती दिखाई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका किसी भी तरह की हिंसा और उग्रवाद की निंदा करता है।
खालिस्तानी तत्वों से हिंदुओं को खतरा और हिंदू मंदिरों पर हमलों के बारे में एक सवाल के जवाब में नेड प्राइस ने ये बातें कही। प्राइड ने कहा कि हम किसी भी तरह की हिंसा की निंदा करते हैं। बता दें कि इसी साल जनवरी में कनाडा में ब्रैम्पटन में एक मंदिर को निशाना बनाया गया था।
मंदिर की दीवारों पर लिखे थे भारत विरोधी नारे
कनाडा में मंदिर में तोड़फोड़ के साथ दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए थे। घटना के बाद भारतीय समुदाय में आक्रोश फैल गया था। टोरंटो में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने गौरी शंकर मंदिर में हुई तोड़फोड़ की निंदा करते हुए कहा कि घटना से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरा ठेस पहुंची है। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने भी इसकी निंदा की थी।
जनवरी में ही ऑस्ट्रेलिया में मंदिर में की गई थी तोड़फोड़
जनवरी में ही भारत विरोधी तत्वों ने ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग हिस्सों में कई मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। 23 जनवरी को मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में भारत विरोधी नारे लिखे गए थे। यह घटना ऑस्ट्रेलिया के कैरम डाउन्स में श्री शिव विष्णु मंदिर में तोड़फोड़ के कुछ दिनों बाद हुई थी। 12 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के मिल पार्क में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारों से भर दिया गया था।
तीन सप्ताह पहले बांग्लादेश में मंदिरों के बनाया था निशाना
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के अलावा तीन सप्ताह पहले बांग्लादेश में भी मंदिरों को निशाना बनाया गया था। कई मंदिरों में दर्जनों मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। पुलिस ने बताया था कि 5 फरवरी को बांग्लादेश के उत्तरी जिले ठाकुरगांव में बलियाडांगी उपजिला के तहत आने वाले 12 हिंदू मंदिरों में 14 मूर्तियों को तोड़ दिया था। घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति दिखी थी।