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कौन हैं पाकिस्तान में पढ़े तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन? भारत के साथ संबंध सुधारने की कर रहे पहल

Taliban spokesman Suhail Shaheen: तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के बीच पहली बार हुई बातचीत के बाद कहा कि अफगानिस्तान भारत के साथ संबंधों को सामान्य करना चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो देश के विकास के लिए निवेश के लिए तैयार है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 16, 2025 23:42
Taliban spokesman Suhail Shaheen
तालिबान भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिश कर रहा है। (Suhail Shaheen Official X account)

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भारत के साथ अफगानिस्तान के संबंधों को सुधारने की वकालत की है। दरअसल, गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के बीच पहली बार हुई बातचीत हुई थी। इस बातचीत के बाद सुहैल शाहीन ने कहा कि अफगानिस्तान भारत के साथ संबंधों को सामान्य करना चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो देश के विकास के लिए निवेश के लिए तैयार है।

भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच जयशंकर ने की बात

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जयशंकर और मुत्ताकी के बीच फोन पर बातचीत अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से भारत सरकार और तालिबान के बीच संपर्क का उच्चतम स्तर है, जिससे राजनयिक हलकों में इसकी चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है।

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क्या कहा सुहैल शाहीन ने?

जानकारों का मानना है कि मुत्ताकी द्वारा जयशंकर को अगले सप्ताह ईरान और चीन की अपनी निर्धारित यात्रा से पहले फोन करना भी महत्वपूर्ण है। यह फोन कॉल जनवरी में दुबई में मुत्ताकी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बीच हुई बैठक और पहलगाम आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद अफगानिस्तान के साथ संबंधों की देखरेख करने वाले भारतीय राजनयिक की काबुल यात्रा के बाद की गई है।  जब शाहीन, जो कतर में तालिबान के दूत भी हैं, से जयशंकर और मुत्ताकी के बीच संपर्क के महत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘अफगानिस्तान के भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, इसे रिन्यू करने और संबंधों को सामान्य बनाने की आवश्यकता है। हमारे पास एक संतुलित दृष्टिकोण नीति है और हम सभी देशों से अफगानिस्तान में निवेश करने और विभिन्न क्षेत्रों में हमारे साथ सहयोग करने का खुले दिल से स्वागत करते हैं।’

‘सब कुछ नए सिरे से बना रहे हैं’

शाहीन ने आगे कहा, ‘हम सब कुछ नए सिरे से बना रहे हैं और हमें ऐसे संबंधों की जरूरत है।’ तालिबान की ओर से निवेश का आह्वान महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान लगभग 1 बिलियन डॉलर के स्तर से बढ़ाने के तरीके तलाश रहे हैं। गुरुवार को फोन कॉल के दौरान जयशंकर ने मुत्ताकी द्वारा झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हालिया प्रयासों को दृढ़ता से खारिज करने का स्वागत किया। यह पाकिस्तानी मीडिया के एक हिस्से में आई उन रिपोर्टों का स्पष्ट संदर्भ था, जिसमें दावा किया गया था कि भारत ने पहलगाम में ‘फाल्स फ्लैग’ वाले ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तालिबान को भाड़े पर लिया था। यह फोन कॉल ऐसे समय में किया गया है जब तालिबान के कार्यवाहक उप गृह मंत्री मोहम्मद इब्राहिम सदर वर्तमान में भारत में हैं। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि सदर की यात्रा किसी आधिकारिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है, क्योंकि वे 3 मई को इलाज के लिए नई दिल्ली गए थे।

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कौन हैं तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन?

अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में जन्मे शाहीन का तालिबान का मुख्य प्रवक्ता बनने का मार्ग उनकी शिक्षा और कूटनीतिक करियर द्वारा तय किया गया है। अंग्रेजी और उर्दू के धाराप्रवाह वक्ता के रूप में जाने वाले शाहीन न केवल एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, बल्कि एक लेखक भी हैं। सुहैल ने अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक विश्वविद्यालय इस्लामाबाद और काबुल विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। 1990 के दशक के उत्तरार्ध में तालिबान के पहले शासन के दौरान, उन्होंने सरकार के अंग्रेजी भाषा के अखबार काबुल टाइम्स का संपादन किया था। इस अनुभव ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मीडिया से सीधे संवाद करने का कौशल दिया, यह एक ऐसी भूमिका थी, जो 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने पर अमूल्य साबित हुई।

उनका राजनयिक करियर तब भी जारी रहा जब उन्होंने पाकिस्तान में अफगान दूतावास में उप राजदूत के रूप में काम किया, जहां उन्होंने अपने राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल को और निखारा। तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने उन्हें सितंबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने इस पद पर उनकी नियुक्ति को अस्वीकार कर दिया था। दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख के रूप में वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ने के समूह के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी शांत और संतुलित संचार शैली ऐतिहासिक रूप से तालिबान से जुड़ी अधिक आक्रामक बयानबाजी के विपरीत है।

First published on: May 16, 2025 11:42 PM

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