---विज्ञापन---

दुनिया

सुनीता विलियम्स की फ्यूचर प्लानिंग का खुलासा, जानें अगले 45 दिन के अंदर क्या करेंगी एस्ट्रोनॉट‌?

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष से लौट आई हैं, लेकिन अब वे आगे क्या करेंगी? उनकी फ्यूचर प्लानिंग क्या है, इस पर पहला अपडेट आया है। सुनीता सबसे पहले अपने आपके नॉर्मल करेंगी। धरती की ग्रैविटी के अनुसार अपने शरीर को एडजस्ट करेंगी। आइए जानते हैं कि आखिर प्लान क्या है?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Mar 20, 2025 10:52
Sunita Williams
Sunita Williams

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथ बुच विल्मोर के साथ अंतरिक्ष से लौट आई हैं। 9 महीने 13 दिन बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उनकी धरती पर लैंडिंग हुई, लेकिन अब वे क्या करेंगी? उनकी फ्यूचर प्लानिंग क्या है? इसे लेकर पहली जानकारी सामने आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 9 महीने अंतरिक्ष में जीरो ग्रैविटी में रहने के कारण सुनीता विलियम्स स्वस्थ नहीं हैं। उनका शरीर ठीक नहीं है।

हालांकि उन्हें कोई बीमारी नहीं हुई है, लेकिन उनका शरीर काफी कमजोर है। उनके पैर नवजात शिशु जैसे हैं। उनमें खून की कमी होने के साथ-साथ उनकी हड्डियां, मासंपेशियां, नसें, दिल, दिमाग काफी कमजोर हो चुका है। इसलिए धरती की ग्रैविटी के अनुसार नॉर्मल होने के लिए उन्हें एक रिहैब प्रोगााम का हिस्सा बनना होगा, जो 45 दिन चलेगा। प्रोग्राम आज से शुरू हो चुका है और सप्ताह के सातों दिन, प्रतिदिन 2 घंटे यह प्रोग्राम चलेगा।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:कल्पना चावला को किस्मत ने कहां दिया धोखा? सुनीता विलियम्स जैसी सफल नहीं हो पाई लैंडिंग

3 फेज में चलेगा कठोर रिहैब प्रोग्राम

रिपोर्ट के अनुसार, सुनीता विलियम्स को 45 दिन कड़ी तपस्या करनी होगी। उनके रिहैब प्रोग्राग का मकसद उन्हें अंतरिक्ष के जीरो ग्रैविट से पृथ्वी की ग्रैविटी के अनुकूल होने में सहायता करना है। इस प्रोग्राम के 3 चरण होंगे- अपने बैलेंस पर चलना सीखना, शरीर में लचीलापन लाना और मांसपेशियों को मजबूत करना शामिल है। इसके लिए वे प्रोप्रियोसेप्टिव एक्सरसाइज और कंडीशनिंग के साथ-साथ वर्किंग डेवलपमेंट करेंगी। इस रिहैब प्रोग्राम का नाम एस्ट्रोनॉट स्ट्रेंथ, कंडीशनिंग और रिहैबिलिटेशन (ASCR) है।

---विज्ञापन---

अंतरिक्ष से लौटने वाले यात्रियों को अक्सर शारीरिक परिवर्तनों को झेलन पड़ता है, जिसमें चेहरे पर सूजन, मांसपेशियों में कमजोरी, लंबाई में अनचाही वृद्धि और हड्डियों के घनत्व में कमी शामिल है। एरोबिक पॉवर, मांसपेशियों की ताकत, सहनशक्ति, संतुलन, को-ऑर्डिनेशन और न्यूरोवेस्टिबुलर फ़ंक्शनिंग भी प्रभावित होती है। इसलिए अंतरिक्ष यात्रियों के शारीरिक स्वास्थ्य को बहाल करना अनिवार्य होता है। अन्यथा बीमारियां उन्हें घेर लेंगी, इसलिए नासा की ओर से अंतरिक्ष यात्रियों के लिए रिहैब प्रोग्राम बनाया गया है।

यह भी पढ़ें:पीरियड्स को अंतरिक्ष में कैसे मैनेज करती हैं महिला अंतरिक्ष यात्री? दावा- मिलते हैं 2 ऑप्शन

19 मार्च 2025 को हुई सेफ लैंडिंग

बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर क्रू-8 मिशन पर 5 जून 2024 को गए थे, लेकिन 8 दिन का मिशन स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में आई खराबी के कारण 9 महीने तक चला। उन्हें वापस लाने के लिए क्रू-10 मिशन लॉन्च किया गया। जिसके साथ सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव धरती पर वापस आए। 17 घंटे के सफर के बाद 19 मार्च 2025 की सुबह स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिड के समुद्र में लैंड हुआ।

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Mar 20, 2025 10:37 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें