Shubhanshu Shukla on Axiom-4 Mission: भारत के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 28 घंटे के लंबे सफर के बाद इंटरनेशन स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंच गए है। शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय है। शुभांशु शुक्ला के साथ 3 और अंतरिक्ष यात्री अमेरिका की पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कपू भी ISS पर पहुंचे। इन लोगों के वहां पहुंचे पर ISS पर रह रहे अंतरिक्ष यात्रियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला अपनी टीम के साथ ISS में 14 दिन तक रहेंगे।
ISS पर Axiom-4 की टीम ने शुरू किया काम
इंटरनेशन स्पेस स्टेशन पर पहुंचे के बाद Axiom-4 मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन ने शुभांशु शुक्ला समेत मिशन के तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को एक एस्ट्रोनॉट पिन और फ्लाइंग नंबर दिये। नासा ने बताया कि ISS पर पहुंचे के कुछ समय बाद Axiom-4 मिशन के क्रू मेंबर खुद को तैयार किया और ISS Expedition73 टीम के साथ कॉलेब्रेट कर काम शुरू कर दिया। उन्होंने अपना टैबलेट सेट करना, स्लीप स्टेशन कॉन्फिगर करना और स्टेशन लेआउट जैसे ऑपरेशनल सिस्टम सेटअप करना शुरू कर दिया। ISS Expedition73 टीम में ऐनी मैकक्लेन, निकोल एयर्स, ताकुया ओनिशी आदि शालिम थे।
Axiom Mission 4 successfully docked with the @Space_Station on 26 June 2025 at 16:15 hrs IST.
Team ISRO, led by Secretary, Department of Space and Chairman, ISRO, witnessed the historical moment from the Mission Control Room at @NASA_Johnson, Houston.
---विज्ञापन---Welcome ceremony of Axiom… pic.twitter.com/8uygmuPntH
— ISRO (@isro) June 26, 2025
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14 दिनों तक क्या करेगी Axiom-4 की टीम
नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार, Axiom-4 मिशन की टीम अगले 14 दिनों तक ISS में माइक्रोग्रैविटी रिसर्च के तहत 60 अधिक साइंस्टफिक एक्सपेरिमेंट करेंगी। इसमें फार्मिंग, बायो टेक्नोलिजी, मिटिरियल साइंस और ह्यूमन बॉडी साइंस से जुड़े एक्सपेरिमेंट शामिल हैं। मिशन का खास फोकस माइक्रोग्रैविटी में लगातार ग्लूकोज मॉनिटर और इंसुलिन डिवाइसिस पर ISRO-NASA-Axiom स्टडी है। ये स्टडी स्पेस में डायबिटिज केयर की खोज का एक खास हिस्सा है।