Shangri-La-Dialogue: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद हर तरफ भारत की तीनों सेनाओं की तारीफ हो रही है। कम समय में पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के खिलाफ लिए गए एक्शन ने दुश्मन देश को हैरानी में डाल दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनिया को पाकिस्तान का काला चेहरा दिखाने के बाद अब देश से बाहर यानी विदेशों में भी पाकिस्तान की नापाक मंसूबों को बताने के लिए भारतीय सांसदों का दल अलग-अलग देशों में भेजा गया है। तो वहीं, इन सब के बीच भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान में सिंगापुर पहुंच कर पाकिस्तान की तरफ से की जा रही आतंकी हरकतों के बारे में बताया। आपको बता दें कि सीडीएस अनिल चौहान सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में शिरकत कर रहे हैं। क्या होता है शांगरी-ला डायलॉग, आइए जानते हैं।
क्या होता है शांगरी-ला-डायलॉग?
शांगरी-ला-डायलॉग को दुनिया में बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वार्षिक सम्मेलन 2002 से आयोजित हो रहा है और इसमें रक्षा मंत्री, सैन्य प्रमुख, और नीति निर्माता भाग लेते हैं। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, रणनीतिक स्थिरता, और सहयोग को बढ़ावा देना है। इस डायलॉग में 40 से ज्यादा देशों के सैन्य अधिकारी हिंद-प्रशांत सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए आते हैं।
इसका आयोजन सिंगापुर में किया गया है। वैसे तो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कई सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है, लेकिन शांगरी-ला डायलॉग को सबसे अहम माना जाता है। वह इसलिए कि यह एक सालाना सम्मेलन होता है, जिसमें कई देशों के सेना प्रमुख हिस्सा लेते हैं।
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कौन करता है इसका आयोजन?
इस आयोजन को IISS– International Institute for Strategic Studies की तरफ से किया जाता है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा मामलों में बेहतर तैयारी की संभावनाओं पर विचार करना और यह समझना होता है कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को किस प्रकार पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है। इस डायलॉग का नाम सिंगापुर के फेमस शांगरी-ला होटल के नाम पर रखा गया है, जिसका मतलब स्वर्ग से है। इस डायलॉग में इस बार सबसे अहम मुद्दे जो उठाए गए वह हैं:
- ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दूसरे देशों को जानकारी देना, कि आखिर ऑपरेशन सिंदूर क्यों जरूरी था।
- दक्षिण चीन सागर में तनाव।
- साइबर सुरक्षा।
- यूक्रेन युद्ध और ताइवान मुद्दा।
- विदेश हथियार बनाम आत्मनिर्भर भारत से बने हथियार में अंतर को बताना।
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