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ट्रंप और नोबेल विजेता मारा कोरिना मचाडो में क्या बात कॉमन? दोनों का है एक दुश्मन

Nobel Peace Prize 2025: इस साल नोबेल पीस प्राइज का सम्मान मारा कोरिना मचाडो को दिया गया है. हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम की भी काफी चर्चा थी. क्या आप जानते हैं इन दोनों नेताओं में एक समानता है? चलिए जानते हैं विस्तार से.

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Oct 10, 2025 19:08

Nobel Peace Prize 2025: नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की विजेता मारा कोरिना मचाडो बन चुकी हैं. इस साल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन वह चूक गए. मगर क्या आप जानते हैं ट्रंप और वेनेजुएला की विपक्षी नेता मचाडो में एक समानता भी है और यह समानता नोबेल प्राइज नहीं है. दरअसल, इन दोनों नेताओं का एक समान दुश्मन है.

कौन हैं दोनों का एक दुश्मन?

डोनाल्ड ट्रंप और मारा कोरिना मचाडो का दुश्मन वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलेस मादुरो है. मादुरो वेनेजुएला में तानाशाही चलाते हैं जिसका विरोध दोनों नेताओं द्वारा किया जाता है. मचाडो ने उनकी सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हजारों लोगों को सड़कों पर इकट्ठा कर दिया था. इसके बाद मादुरो ने उन्हें हिरासत में लेने का भी आदेश दे दिया था जिस वजह से उन्हें छिपना भी पड़ा था. हालांकि, कुछ समय वह जेल में रही थीं.

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वहीं, दूसरी ओर ट्रंप भी वेनेजुएला में तानाशाही को समाप्त कर लोकतंत्र की स्थापना करना चाहते थे और उन्होंने इसके लिए इनाम का भी ऐलान किया था. अमेरिका के राजनीतिज्ञ और ट्रंप के करीबी मार्को रुबियो मादुरो को जबरन सत्ता से हटाने का आग्रह भी कर रहे थे. व्हाइट हाउस में वेनेजुएला को लेकर कई बड़ी योजनाएं बनाई गई थी जिसके चलते वेनेजुएला संकट की कगार तक पहुंच चुका था.

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मचाडो ने ट्रंप को कहा था धन्यवाद

दरअसल, ट्रंप ने मादुरो को सबसे बड़ा ड्रग माफिया, अमेरिकी न्याय का भगोड़ा, अवैध शासक बताया था. उन्होंने उसे पकड़ कर लाने के लिए इनाम की राशि को भी दोगुना कर दिया था. इसके लिए मचाडो ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें उन्होंने ट्रंप को धन्यवाद कहा था और उनकी प्रशंसा भी की थी.

क्या मचाडो को झेलनी पड़ेगी ट्रंप की नाराजगी?

हालांकि, ट्रंप और मचाडो की वेनेजुएला में लोकतंत्र के लिए समान सोच रही है लेकिन ट्रंप नोबेल पुरस्कार के लिए मेहनत कर रहे थे. उनके लिए कई वैश्विक नेताओं ने भी मंजूरी दी थी लेकिन नोबेल समिति ने मचाडो को पुरस्कृत कर दिया. इसके बाद हो सकता है कि अब नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मचाडो को ट्रंप की नाराजगी झेलनी पड़े.

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First published on: Oct 10, 2025 06:50 PM

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