Nigerian army accidentally stuck during Muslim festival congregation: नाइजीरिया की सेना ने अपने ही नागरिकों को मौत की नींद सुला दिया है। जानकारी के अनुसार, नाइजीरियाई सेना ने आतंकियों के ठिकानों को निशाने बनाने के लिए ड्रोन से हमला किया था लेकिन दुर्घटनावश उस ड्रोन से नागरिकों पर हमला हो गया। यह हादसा रविवार को हुआ था। जब नाइजीरिया के लोग एक स्थानीय त्योहार मानने के लिए एक गांव में इकट्ठा हुए थे। तभी उनके ऊपर सेना का हमला हो गया। जिसमें 85 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 66 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
राष्ट्रपति ने जताया दुख
नाइजीरिया के राष्ट्रपति कार्यालय से इस घटना को लेकर बयान जारी कर दुख जाहिर किया गया है। राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू ने इस घटना को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, परेशान करने वाला और दर्दनाक बताया है। साथ ही राष्ट्रपति ने नाइजीरियाई लोगों की दुखद हानि पर आक्रोश और दुख व्यक्त किया है।
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In a tragic and shocking incident, the Nigerian army drone strike accidentally killed at least 85 civilians when over 100 people including women and children were enjoying a Muslim festival.
#Nigeria #NigeriaDroneattack #nigeirianarmyattackcitizen pic.twitter.com/J8y2wj0idu
— Khursheed Baig (@khursheed_09) December 5, 2023
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सेना ने कहा कि सशस्त्र बलों ने आतंकवादी समूहों को निशाना बनाया था, लेकिन ड्रोन ने तुदुन बीरी गांव पर हमला किया, जहां पर ग्रामीण एक स्थानीय त्योहार मनाने में व्यस्त थे। राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने एक बयान में कहा कि नॉर्थवेस्ट जोनल कार्यालय को स्थानीय अधिकारियों से विवरण मिला है कि अब तक 85 शव दफनाए जा चुके हैं, जबकि तलाश अभी भी जारी है। हालांकि सेना के अधिकारी ने मरने वालों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। आपातकालीन अधिकारी ने कहा कि कम से कम 66 लोगों का अभी भी कई अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
2017 में भी हुआ था नगारिकों पर हमला
गौरतलब है कि नाइजीरियाई सेना मिलिशिया समूहों को निशाना बनाकर हवाई हमले करती है लेकिन कभी-कभी उसका निशाना चूक जाता है, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष नागरिक मारे जाते हैं। सेना ने कहा कि उनके नियमित ड्रोन मिशन से अनजाने में समुदाय के सदस्यों पर हमला हो गया। बता दें कि 2017 में कैमरून की सीमा के पास रण में जिहादी हिंसा से विस्थापित 40,000 लोगों को ठहराने वाले एक शिविर पर लड़ाकू विमान के हमले में 100 से अधिक लोग मारे गए थे।
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