India At UNSC: संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने गुरुवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नई शब्दावली और झूठी प्राथमिकताओं के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है जो आतंकवाद के संकट से निपटने के हमारे लक्ष्य को कमजोर कर सकते हैं।
रुचिरा कंबोज ने कहा कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं के लिए नहीं होना चाहिए। भारत ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र का प्रयोग आतंकवादियों को आश्रय, ट्रेनिंग, योजना और वित्तपोषण की गतिविधियों के लिए नहीं होने देना चाहिए।
भारत ने कहा है कि आतंकवादी कृत्यों के पीछे प्रेरणा के आधार पर आतंकवाद को वर्गीकृत करने की प्रवृत्ति खतरनाक है उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सभी प्रकार के आतंकवादी हमलों की निंदा की जानी चाहिए।
अफगानिस्तान की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
उन्होंने इस बात को फिर से दोहराया कि अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता उसकी प्राथमिकता रहेगी और अफगान लोगों के समर्थन में वो बोलना जारी रखेगा। भारत की प्रतिनिधि ने इस बात को भी पूरी दृढ़ता के साथ यूएन बैठक में रखा कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता महत्वपूर्ण अनिवार्यताएं हैं जिनको पूरा कराने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने की जरूरत है।
अफगानिस्तान को दी मानवीय सहायता
अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में बात करते हुए, कंबोज ने कहा कि देश में मानवीय स्थिति गहरा संकट है, उन्होंने यूएनएससी को उस मानवीय सहायता के बारे में भी बताया जो भारत ने पिछले एक साल में अफगानिस्तान को प्रदान की है। अफगान लोगों की मानवीय जरूरतों को लेकर और संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई तत्काल अपील के जवाब में भी भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेजे हैं। हम अफगान लोगों को आगे बढ़ाने वाली मदद जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैंं।
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पुनर्वास के लिए भारत कर रहा प्रयास
इसके अलावा, भारत यूएनओडीसी के साथ साझेदारी करके अफगानिस्तान में ड्रग उपयोगकर्ता आबादी के कल्याण और पुनर्वास के लिए भी काम कर रहा है, खासकर अफगान महिलाओं के बीच इस पर काम किया जा रहा है। इसके मद्देनजर आवश्यकतानुसार चिकित्सा सहायता, कंबल और महिला स्वच्छता किट की आपूर्ति करके यूएनओडीसी की सहायता की है।
कंबोज ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने 2021 में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद वर्तमान शासनादेश के मसौदे को अंतिम रूप देने में सक्रिय रूप से भाग लिया था।
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