US On Khalistan Activity: पंजाब में हिंसा के बाद से एक बार फिर खालिस्तान चर्चा में है। गुरुवार को अमेरिका ने खालिस्तान पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता एडवर्ड नेड प्राइस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जो लक्ष्यों को पाने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं, हम उनको जगह नहीं दे सकते हैं।
On Khalistan activists, US says "we condemn terrorism in all its forms"
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हिंसा का सहारा लेना ठीक नहीं
नेड प्राइस ने कहा कि हिंसा का सहारा लेना कोई औचित्य नहीं है। फिर चाहे राजनीति के लिए हिंसा का सहारा लिया जा रहा हो या कोई अन्य।
नेड प्राइस से उन खालिस्तानी कार्यकर्ताओं पर अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया जो उत्तरी अमेरिका में सक्रिय हैं और जो 1985 में एयर इंडिया पर बमबारी के लिए जिम्मेदार थे। उन्हें कई उदाहरण भी दिए गए, जैसे…
- संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों द्वारा ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों में तोड़फोड़ किए जाने के बाद अलगाववादी संगठन की गतिविधियों में तेजी आने की आशंका है।
- 21 फरवरी की रात ब्रिस्बेन में संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों द्वारा कथित रूप से भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ करने के बाद चिंताएं और बढ़ गईं।
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पाकिस्तान में आतंकवाद का किया जिक्र
नेड प्राइस ने 6-7 मार्च को हुई अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी वार्ता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकी खतरों और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान के साथ साझा करने की इच्छा जता चुका है। हमारा लक्ष्य आतंकवाद से मुक्त एक स्थिर और सुरक्षित दक्षिण और मध्य एशिया बनाना है। कोई भी समूह जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा है, निश्चित रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है।
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मोदी कर सकते हैं पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई
इससे पहले यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान के उकसावे पर नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार सैन्य कार्रवाई करने की संभावना अधिक है। चूंकि दोनों परमाणु देश हैं, इसलिए इनके बीच दुश्मनी चिंताजनक है।