पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष की वजह से दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव चरम पर है. इस संघर्ष में दोनों ओर से कई लोग मारे गए हैं. इसी बीच पाकिस्तान ने दावा किया अफगानिस्तान के साथ 48 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमति बन गई है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भले ही संघर्ष विराम पर सहमति बन गई हो लेकिन भारत की निगाहें इस घटनाक्रम पर लगी हुई हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को जमकर सुनाया.
उन्होंने कहा, तीन बातें स्पष्ट हैं -पहली, पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है और आतंकी गतिविधियों को प्रायोजित करता है. दूसरी, अपने आंतरिक असफलताओं के लिए पड़ोसियों को दोषी ठहराना पाकिस्तान की पुरानी आदत है और तीसरी, अफगानिस्तान द्वारा अपने क्षेत्रीय प्रभुत्व का प्रयोग करने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है.
भारत ने किया अफगानिस्तान का सपोर्ट
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे तीसरी बात का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्रों पर संप्रभुता का इस्तेमाल कर रहा है. भारत, अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. यही नहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि वर्तमान में, हमारा तकनीकी मिशन जून 2022 से काबुल में कार्यरत है. आने वाले कुछ दिनों में इसे दूतावास का दर्ज़ा दिया जाएगा.
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टेररिस्ट एक्टिविटी को स्पॉन्सर करता है पाकिस्तान- MEA
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव पर MEA के स्पोक्सपर्सन रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘तीन बातें साफ हैं. एक, पाकिस्तान टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन को पनाह देता है और टेररिस्ट एक्टिविटी को स्पॉन्सर करता है. दो, अपनी अंदरूनी नाकामियों के लिए अपने पड़ोसियों को दोष देना पाकिस्तान की पुरानी आदत है. तीन, पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफ़गानिस्तान अपने इलाकों पर सॉवरेनिटी का इस्तेमाल कर रहा है. भारत अफ़गानिस्तान की सॉवरेनिटी, टेरिटोरियल इंटीग्रिटी और आज़ादी के लिए पूरी तरह कमिटेड है.’