Israel Iran conflict: इजराइल ने ईरान पर अब तक सबसे बड़ा हमला किया है। ईरान की वर्षों की मेहनत पर आज इजराइल ने पानी फेर दिया है। इजराइल ने इस हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन नाम दिया है। हमले में इजराइल के परमाणु ठिकाने, साइंटिस्ट और सेना के कमांडर और चीफ को भी ढेर कर दिया है। इजराइल के हमलों में आम लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में आइये जानते हैं इजराइल ने ईरान पर इतना बड़ा हमला क्यों किया?
ईरानी सरकारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इजराइल ने 6 सैन्य ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया। इनमें 4 जगहों पर परमाणु ठिकाने भी मौजूद थे। इजराइल ने ईरान की सेना के 3 बड़े अफसर जिसमें आईआरजीसी कमांडर हुसैन सलामी, आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी और एक अन्य बड़े अधिकारी को ढेर कर दिया। इसके अलावा ईरान के बड़े परमाणु वैज्ञानिक भी इन हमलों में मारे गए।
ईरान के पास 9 परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम
इस बीच इस हमले को लेकर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला इसलिए किया गया है क्योंकि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की दिशा में खतरनाक कदम उठाए हैं। ईरान के पास 9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम हैं। उसने अगले 6 सालों में 20000 बैलिस्टिक मिसाइलें बनाने की योजना बनाई थी। ये मिसाइलें मिनटों में इजराइल तक पहुंच सकती हैं।
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इजराइल ने आगे कहा कि अगर अभी कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाली पीढ़ियों को भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा। अमेरिका भी यही सोचता है कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। नेतन्याहू ने आगे कहा कि इजराइल ने यह कदम अपने लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया को सुरक्षित करने कें लिए उठाया है।
ट्रंप का बयान आया सामने
इस बीच इस हमले को लेकर ट्रंप का बयान भी सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें पहले के बारे में पहले से पता था। वह ईरान के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाएगा ट्रंप ने अमेरिकी चैनल से बातचीत में कहा कि ईरान के पास न्यूक्लियर बम नहीं होना चाहिए। उम्मीद है कि हम एक बार फिर बातचीत करेंगे।
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