Israel Hamas War 50 thousand pregnant women trapped in Gaza UN expressed concern: हमास पर इजराइल की ओर से जारी जवाबी कार्रवाई के बीच गाजा में करीब 50 हजार प्रेग्नेंट महिलाओं के फंसे होनी रिपोर्ट सामने आई है। कहा जा रहा है कि इन महिलाओं में से 5500 महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी अगले महीने डिलीवरी होनी है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंता जताई है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 5500 से अधिक प्रेग्नेंट महिलाएं अगले 30 दिनों में बच्चों को जन्म देने वाली हैं। बता दें कि जारी सप्ताह में इजराइल की ओर से किए गए हमले में एक प्रेग्नेंट महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद भी इमरजेंसी सीजेरियन ऑपरेशन कर महिला का सफलतापूर्वक प्रसव कराया गया था। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में फंसी प्रेग्नेंट महिलाओं में कई ऐसी हैं, जिन्हें अस्पताल के फर्श पर बच्चों को जन्म देना पड़ रहा है। कहा गया है कि इजराइल की ओर से जारी हमलों के कारण गाजा में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ध्वस्त हो गई है। वहां के सैकड़ों लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं और बच्चे को जन्म देने के लिए सुरक्षित तरीकों की तलाश कर रहे हैं।
पीड़ितों से सुनाई आपबीती
33 साल की निवेन अल-बारबरी की अगले सप्ताह पहली डिलीवरी होने वाली है, लेकिन लगातार हो रही बमबारी के कारण उसका संपर्क डॉक्टरों से टूट गया है। अल-बारबरी ने कहा कि हर दिन मुझे सोचना पड़ता है कि मैं कैसे और कहां बच्चे को जन्म दूंगी? बम नहीं रुकते और किसी भी इंसान, पेड़ या पत्थर को नहीं बख्शा गया। हम नहीं जानते कि किसका घर टूटेगा, कौन मरेगा? मैं बस यही आशा करती हूं कि मैं और मेरा बच्चा सुरक्षित हों।
उन्होंने कहा कि हमलों के बाद आई तस्वीरों के बाद मुझे अपने बच्चे के लिए सोचना पड़ रहा है, मुझे काफी डर लग रहा है। मैं अपने बच्चे को इन मिसाइलों से बचाने के लिए हर दिन युद्ध समाप्त होने की प्रार्थना करती हूं। महिला ने कहा कि जब भी वो इजरायली हवाई हमला सुनती है, उससे उसे पीठ और पेट में दर्द होता है।
महिला बोली- युद्ध शुरू होने के पहले स्पेशलिस्ट के पास जाती थी
महिला ने बताया कि मैं सुगर और हाई ब्लडप्रेशर की पेशेंट हूं। 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने से पहले नियमित रूप से विशेषज्ञ के पास जाती थी। जब बमबारी शुरू हुई है, मुझे घर में शरण लेना पड़ा है और डॉक्टर से मेरा संपर्क टूट गया है। 30 साल की एक और प्रेग्नेंट महिला ने बताया कि बम गिरते ही वह छिप गई और कहा कि हर कदम मौत के खिलाफ दौड़ जैसा महसूस कर रही हूं। उधर, नासिर मेडिकल कॉम्प्लेक्स के सलाहकार डॉ. वालिद अबू हताब ने कहा कि विस्थापित महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र बदलना पड़ता है, जिससे उनकी देखभाल प्रभावित होती है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने कहा कि अस्पतालों में दवा और बुनियादी आपूर्ति की कमी है। UN ने गर्भवती महिलाओं के लिए तत्काल स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा का आह्वान किया है। कार्यकारी निदेशक डॉ. नतालिया केन ने कहा कि उन हजारों महिलाओं के लिए जो बच्चे को जन्म देने वाली हैं, जो बीमार और गंभीर रूप से घायल हैं, उन्हें अपने घरों से निकलने के लिए मजबूर किया जा रहा है, उनके पास जाने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है और न ही कोई भोजन या पानी है।