नई दिल्ली: ईरान में बुधवार को एक बार फिर तनाव बढ़ गया। सुरक्षा बलों ने तेहरान के एक मेट्रो स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। सोशल मीडिया पर आए वीडियो और तस्वीरों से पता चला है कि सुरक्षा बलों ने 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के कारण इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों पर हमला किया। उन्होंने उन महिलाओं की भी पिटाई की, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से हिजाब नहीं पहना था। वीडियो में दिखाया गया था कि मेट्रो स्टेशन पर लोगों की भीड़ थी जिनमें से कुछ अमिनी की मौत का विरोध कर रहे थे। सुरक्षा बलों ने उन्हें डंडों और लाठियों से मारा।
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हिजाब न पहनने पर हिरासत में ली गई थीं अमिनी
पिछले कुछ दिनों में विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं क्योंकि ईरान में “खूनी नवंबर” की तीसरी वर्षगांठ मनाई जा रही है। ईरान में ईंधन की कीमतों के विरोध में कई प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी गई थी। अमिनी को सार्वजनिक रूप से हिजाब नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया था और बाद में वह सिर और शरीर पर चोट के निशान के साथ मृत पाई गई थीं। मौत के बाद पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। विद्रोह के बाद हिजाब जलाने और अपने बाल काटने के लिए महिलाएं सार्वजनिक रूप से सामने आईं।
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Disturbing footage of #Iran regime suppression forces physically assaulting a woman in Tehran. #MahsaAmini https://t.co/aEtSWNPPik
— Jason Brodsky (@JasonMBrodsky) November 16, 2022
अब तक 326 लोगों की मौत
विरोध प्रदर्शनों के बाद, ओस्लो स्थित एनजीओ ईरान ह्यूमन राइट्स ने कहा कि अब तक 326 लोगों की मौत हो चुकी है और 15,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक रूप से अपना विरोध जताने के लिए गिरफ्तार किया गया है। ईरानी अधिकारियों ने पहले ही प्रदर्शनकारियों को जेल की सजा सुनाना शुरू कर दिया है। अब तक तेहरान की अदालतों ने पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई है। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और विभिन्न पश्चिमी देशों ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं।
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