Indian Operations For Student Evacuation: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच वहां फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित अपने देश में लाना इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती थी। आज सुबह वहां फंसे 110 छात्रों को सुरक्षित भारत लाया जा चुका है। इसके लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधू चलाया था, जिसके तहत छात्रों को ईरान से दिल्ली लाया गया। इस मिशन को इंडियन एंबेसी की अगुवाई में चलाया गया था, जो पूर्णता सफल रहा है। बता दें कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद विदेशों में फंसे हुए छात्रों को देश में सुरक्षित लौटने वाला यह छठा ऑपरेशन है। हालांकि, भारत सरकार द्वारा पहले भी ऐसे ऑपरेशन चलाए गए हैं, जिसने सिर्फ भारतीय स्टूडेंट सेफटी नहीं बल्कि देश के गौरव को भी बढ़ाया है। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 ऑपरेशन्स के बारे में।
जानिए 5 इवैक्यूएशन ऑपरेशन्स के बारे में
1. ऑपरेशन राहत
यह ऑपरेशन साल 2015 के अप्रैल महीने में चलाया गया था। उस वक्त भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हुआ करती थी। इस ऑपरेशन में यमन से भारतीय नागरिकों और छात्रों को देश वापस लाया गया था। दरअसल, यमन के गृहयुद्ध के चलते वहां, युद्ध की स्थिती पैदा हो गई थी। सुषमा स्वराज ने उस वक्त सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों और स्टूडेंट्स की हर संभव मदद की थी। इसके साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों के छात्रों को भी इवेक्युएट किया था। इस ऑपरेशन में 5000 भारतीय लोगों और छात्रों को निकाला गया था और 40 अन्य देशों के 1000 नागरिकों को भारत लाया गया था। ऑपरेशन राहत पूरे 2 हफ्तों तक चला था, जिसमें काफी कठिनाई भी हुई थी।
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2. वंदे भारत मिशन ऑपरेशन
ऑपरेशन वंदे भारत मिशन ऐसे समय पर चलाया गया था, जब पूरी दुनिया खतरनाक और जानलेवा कोरोना वायरस से जूझ रहा था। माना जाता है कि ये सभी ऑपरेशन्स में सबसे लंबे समय तक चलाया जाने वाला ऑपरेशन था, जिसमें दुनिया के कोने-कोने में बसे भारतीय नागरिकों और छात्रों को देश वापस लाया गया था। वायरस के संक्रमण के बीच उन्हें क्वारंटीन करना, आइसोलेट करना और अन्य लोगों से दूरी बनाकर सेफ रखना और दूसरे देशों के कोविड नियमों का पालन करते हुए भारत लेकर आना बहुत कठिन काम था। मगर भारत सरकार फिर भी इस मुश्किल घड़ी में पीछे नहीं हटी थी। विदेश मंत्री डॉक्टर एस जय शंकर की अगुवाई में चला यह ऑपरेशन पूरे साल चला था क्योंकि कई देशों से लोगों को लाया गया था। ऑपरेशन की शुरुआत 7 मई को हुई थी, जिसकी मदद से 7-10 लाख भारतीयों को वापस लाया गया था।
3. ऑपरेशन गंगा
इस ऑपरेशन को भी विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर की अगुवाई में चलाया गया था। यह रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान साल 2022 के फरवरी में चलाया गया ऑपरेशन था। यूक्रेन में हजारों छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे, जो युद्ध के दौरान वहां फंसे हुए थे। सभी स्टूडेंट्स को सुरक्षित देश वापस लाने के लिए विशेष विमान C-17 का इस्तेमाल किया गया था। इस ऑपरेशन की निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री मोदी भी कर रहे थे। ऑपरेशन गंगा की मदद से 18,282 भारतीय नागरिकों को 90 फ्लाइटों से लाया गया था।
4. ऑपरेशन कावेरी
यह ऑपरेशन भारतीय सरकार द्वारा 15 अप्रैल साल 2023 में शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन की मदद से सूडान में फंसे 4,097 लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया था। इनमें 136 विदेशी भी शामिल थे। यह ऑपरेशन लगभग 10 से 12 दिनों तक चला था, जो कठिनाइयों से भरा था। दरअसल, सूडान में सेना और अर्धबलों के बीच युद्ध चल रहा था, जिस वजह से वहां के एयरस्पेस बंद थे। इसलिए, नागरिकों को ग्राउंड से सूडान पोर्ट तक लाना पड़ा था। फिर वहां से भारतीय नौसेना और वायुसेना ने उन्हें निकाला था।
5. ऑपरेशन अजय
यह ऑपरेशन भी साल 2023 के अक्टूबर में चलाया गया था। ऑपरेशन अजय की मदद से इजरायल और हमास के युद्ध के दौरान इजरायल में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स और काम करने वाले लोगों को वहां से सफलतापूर्वक निकाला गया था। इस ऑपरेशन में 1300 से अधिक भारतीय नागरिक, जिनमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे और 14 ओसीआई कार्ड धारक और 20 नेपालियों को भारत लाया गया था। 6 स्पेशल फ्लाइटों की मदद से इन्हें यहां लाया गया था।
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