Canada Study Permit Rejection: कनाडा सरकार के आंकड़ों पर गौर करें तो भारतीयों के मुकाबले चीन से आवेदन करने वाले महज 24% लोगों के वीजा आवेदन रिजेक्ट हुए हैं. इतना ही नहीं सरकार कनाडा में रह रहे छात्राओं का सत्यापन कर रही है, जिससे उनकी निगरानी की जा सके और आपराधिक घटनाओं पर लगाम कसने में मदद मिले.
कनाडा की सख्त वीजा नीतियों से भारतीय छात्रों को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, हाल ही में कनाडा सरकार ने इंटरनेशनल छात्र वीजा पर कई पाबंदियां लगाई हैं, जो भारतीय युवाओं के विदेश जाने के सपनों पर भारी पड़ रही है. कनाडा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2025 में भारत से आए 74% स्टडी परमिट आवेदनों को ठुकरा दिया गया जो पिछले साल इसी महीने के 32 फीसदी से दोगुना से ज्यादा है.
कनाडा क्यों नहीं जाना चाहते भारतीय ? रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
एक समय था जब कनाडा भारतीय छात्रों की पहली पसंद था. लेकिन अब कनाडा सरकार की वीजा नियमों में की सख्ती से ये पसंद बदलती जा रही है. हालांकि कनाडा सरकार ने इसके लिए देश में धोखाधड़ी रोकने और अस्थायी प्रवास को नियंत्रित करने का प्रयास बताया है. कनाडा की इमिग्रेशन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार स्टडी परमिट आवेदनों में से 40 फीसदी को रिजेक्ट किया गया है.
लगातार घट रही आवेदकों की संख्या, आंकड़ों ने चौंकाया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चौंकाने वाली बात ये है कि कनाडा में भारत के मुकाबले चीन से आने वाले आवेदनों का रिजेक्शन रेट महज 24 फीसदी रहा है. ऐसे में अब भारतीय कनाडा जाने में रुचि खोते जा रहे हैं. बता दें अगस्त 2023 में 20900 भारतीय उम्मीदवारों ने आवेदन किया था जो 2025 में घटकर महज 4515 रह गया है.
2023 में लगे थे ये आरोप, जिसके बाद कनाडा सरकार ने की सख्ती
एक्सपर्ट के अनुसार 2023 में कनाडा के तत्तकालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था. इसके बाद दोनों देशों में तनाव पैदा हो गया. जबकि भारतीय सराकर ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था. आरोप-प्रत्यारोप के बीच कनाडा ने 1550 फर्जी स्टडी वीजा के आवेदनों का पर्दाफाश किया जिनमें से अधिकांश भारत से जुड़े थे.
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