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न्यूयॉर्क में भारतीय IT कर्मचारी ने की मूनलाइटिंग, हो सकती है 15 साल की जेल; जानें इसे क्यों माना जाता है अपराध

अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय मूल के व्यक्ति मेहुल गोस्वामी को मून-लाइटिंग करना भारी पड़ गया. अब उन्हें मून-लाइटिंग करने के चक्कर में 15 तक की जेल हो सकती है. दरअसल मेहुल पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी नौकरी के दौरान प्राइवेट नौकरी की और इससे एक्स्ट्रा पैसा भी कमाया.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Oct 26, 2025 11:12

अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय मूल के व्यक्ति मेहुल गोस्वामी को मून-लाइटिंग करना भारी पड़ गया. अब उन्हें मून-लाइटिंग करने के चक्कर में 15 तक की जेल हो सकती है. दरअसल मेहुल पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी नौकरी के दौरान प्राइवेट नौकरी की और इससे एक्स्ट्रा पैसा भी कमाया.

न्यूयॉर्क में इस तरह से एक नौकरी के साथ दूसरी नौकरी करना गंभीर क्लास का अपराध है. इस अपराध के लिए अब उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है. 15 अक्टूबर को साराटोगा काउंटी शेरिफ ऑफिस ने गोस्वामी को सेकेंड डिग्री ग्रैंड लार्सेनी (बड़ी चोरी) के आरोप में गिरफ्तार किया है.

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क्या है पूरा मामला?

न्यूयॉर्क में 39 साल के मेहुल स्टेट की सरकारी IT डिपार्टमेंट (ऑफिस ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विसेज) में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की पोस्ट पर काम कर रहे थे. इस नौकरी से उन्होंने 2024 में करीब 1 करोड़ 18 लाख रुपये कमाए. मार्च 2022 में मेहुल न्यूयॉर्क के पास माल्टा की सेमीकंडक्टर कंपनी ग्लोबल फाउंड्रीज में भी काम किया जबकि वे पहले से ही एक सरकारी नौकरी कर रहे थे.

ऐसे में उन्होंने सरकारी नौकरी की सैलरी लेकर काम करने का सिर्फ दिखावा किया, जबकि मेहुल ने अपना सारा ध्यान अपनी प्राइवेट नौकरी पर रखा. इससे उन्होंने एक्सट्रा 50,000 डॉलर करीब 42 लाख रुपये कमाए.

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टेक्सपेयर्स के पैसों का हुआ नुकसान

मेहुल के पास एक सरकारी नौकरी होने के बाद भी उनरे द्वारा घंटों एक प्राइवेट कंपनी में काम किया गया, जिसके कारण टैक्सपेयर्स के पैसे का नुकसान हुआ. अमेरिकी कानून में इसे ग्रैंड लार्सनी एक बड़ी चोरी के रूप में माना जाता है, जो वहां एक गंभीर अपराध है.

मूनलाइटिंग क्या होती है?

जानकारी के अनुसार, मूनलाइटिंग का मतलब होता है कि अपनी मेन नौकरी के अलावा अपने खाली समय में कोई भी दूसरा काम करना, जैसे कि किसी तरह की फ्रीलांसिग, या बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना जिससे आपकी सैलरी के अलावा भी आपकी अतिरिक्त कमाई हो सके. इसे ही मूनलाइटिंग कहते हैं. इसे मूनलाइटिंग इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि पहले लोग रात की चांदनी में अतिरिक्त काम करते थे. आम तौर पर इस तरह से काम अतिरिक्त पैसा कमाने, अपनी स्किल बढ़ाने या फिर अपने शौक पूरा करने के लिए किया जाता है.

कैसे पकडी गई मेहुल की चोरी?

साल 2024 में एक बेनाम ईमेल से गोस्वामी के खिलाफ जांच शुरू हुई. इस मेल में मेहुल पर ये आरोप लगाए गए कि मेहुल अपनी सरकारी नौकरी के साथ-साथ उसी समय पर एक प्राइवेट कंपनी में भी काम कर रहे हैं.

वहीं, मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने कहा, पब्लिक सेक्टर कर्मचारियों पर ईमानदारी से काम करने की जिम्मेदारी होती है. मेहुल गोस्वामी का व्यवहार जनता के विश्वास का एक बड़ा उल्लंघन है. दूसरी फुल टाइम जॉब करना सरकारी संसाधनों और टैक्सपेयर्स के पैसे का दुरुपयोग करना है. इस केस में 15 साल तक की जेल हो सकती है.

भारत में क्या हैं मूनलाइटिंग के नियम?

-दरअसल भारत में मूनलाइटिंग जैसा कोई सीधा कानून नहीं है जो मूनलाइटिंग को अपराध घोषित कर सके. हां, कई कंपनियों के लिए अलग-अलग कानून होते हैं.

-भारत में ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को किसी दूसरी कंपनी को जॉइन करने की अनुमति नहीं देती हैं और इसके लिए पेपर वर्क भी करती हैं.

-सेंट्रल सिविल सर्विस कॉन्ट्रैक्ट 1964 के अनुसार, सरकारी कर्मचारी के लिए मूनलाइटिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

-मूनलाइटिंग करने पर और फिर पकड़े जाने पर सजा हो सकती है. इसके अलावा अगर आपके दूसरे काम के कारण आपकी मेन कंपनी का काम प्रभावित होगा तो वो गलत माना जाएगा.

First published on: Oct 26, 2025 11:12 AM

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