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भारत-रूस के रिश्ते मजबूत हैं और रहेंगे, पुतिन के विदेश मंत्रालय ने की पीएम मोदी की तारीफ

India-Russia Growing Friendship: रूस और भारत के रिश्ते और मजबूत होंगे. रूसी विदेशी मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारत के ऊपर रूस से तेल खरीदने का दबाव था मगर फिर भी उन्होंने दोस्ती का रिश्ता कायम रखा.

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Sep 15, 2025 09:54

India-Russia Growing Friendship: रूस के विदेश मंत्रालय ने बांधे पीएम मोदी की तारीफों के पुल बोले- नई दिल्ली और मॉस्को के साथ सहयोग जारी रखने और संबंध तोड़ने वाले प्रयासों के दबाव को ठुकराया है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी दबाव और धमकियों के बाद भी दोनों देशों के साथ रिश्ते, सहयोग और विस्तार बढ़ेंगे. रूस का कहना है कि भारत ने हमारे साथ रिश्ते कायम रखने का रास्ता चुना है, जबकि अमेरिका और NATO की ओर से दबाव था कि वे रूस से तेल लेना बंद कर दे. रूस मानता है कि इस तरह का दबाव चीन-भारत-रूस जैसे देशों के रणनीतिक संबंधों को बाधित नहीं कर सकेगा.

रूसी विदेश मंत्रालय ने कही बड़ी बात

रूसी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि रूस-भारत के संबंध स्थिर और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं. यही कड़ी दोनों देश के रिश्तों को मजबूत भी करती है। बता दे कि दोनों देशों को सांठ-गांठ आज की नहीं है. ये रिश्ता सालों पुराना है और दोनों ओर से बरकरार रखा जा रहा है. ये रिश्ता हमारी भावनाओं और परंपराओं को प्रतिबिंबित करता है जिससे अंतरराष्ट्रीय मामलों में रणनीतिक स्वायत्ता का प्रतीक बनता है.

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भारत की रणनीति की सराहना

पुतिन के मंत्रालय ने रूस टुडे से बातचीत में कहा कि भारत कितने भी दबाव में क्यों न हो वह कभी अपने लक्ष्यों और लाभों के बारे में सोचने से पीछे नहीं हटता है. राष्ट्र सर्वोपरी वाला उनका लक्ष्य सराहनीय है. रूस से तेल खरीदेन पर इतने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भी उन्होंने तेल खरीदना बंद नहीं किया है. ये बतात है कि पीएम मोदी अपने राष्ट्रीय हितों और संप्रभुता को कितना महत्व देते है.

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कई क्षेत्रों में बढ़ रही साझेदारी

रूस और भारत सिर्फ किसी एक साझेदारी पर नहीं टिके हैं. बल्कि दोनों देशों का आधार कई क्षेत्रों पर निर्भर करता है. दोनों देश रक्षाक्षेत्र, नागरिक एवं सैन्य उड़ान-मिशन, परमाणु ऊर्जा और रूस में तेल अन्वेषण और निवेश के साथ जुड़ा हुआ है. ये विश्वसनीय संबंध है. रूस का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी ने पिछले महीने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाया है. ये बेस लाइन टैरिफ के अलावा रूसी तेल और डिफेंस उपकरण की खरीद पर दंड स्वरूप था.

कायम रहेगी भारत-रूस की दोस्ती

अमेरिका द्वारा लगाये जा रहे टैरिफ और राजनीतिक दबावों के बावजूद, भारत-रूस संबंधों को भंग करना आसान नहीं है. रूस का मानना है कि कोई भी प्रयास इन संबंधों को तोड़ने या दबाव डालने के प्रयास को सफल नहीं कर सकेगा. दोनों देशों के बीच मजबूती हाल के आंकड़ों से पता लगाया जा सकता है. साल 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 68.7 डॉलर तक पहुंच गया था.

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First published on: Sep 15, 2025 08:02 AM

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