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‘भारत-चीन रिश्तों की पहचान है दोस्ती’ चीनी अधिकारी ने कही बड़ी बात

India China Relation: भारत-चीन रिश्तों में सहयोग और मैत्री का महत्व बढ़ता जा रहा है. चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने हालिया बयान में बताया कि यह संबंध मुख्य रूप से दोस्ताना सहयोग पर आधारित हैं.

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Sep 24, 2025 08:16
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India China Relation: चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत-चीन संबंधों पर महत्वपूर्ण बयान दिए. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते ‘अत्यधिक मैत्रीपूर्ण सहयोग’ द्वारा परिभाषित होते हैं, जो पिछले 75 सालों में उतार-चढ़ाव के बावजूद भी जिंदा है. उन्होंने कहा कि अब दोनों देशों को अपने रिश्तों को गहरा करने का अवसर मिला है. संबंध सुधारने के लिए नए स्तर से बात शुरू की जाएगी.

भारत-चीन के रिश्ते सुधरेंगे

दिल्ली में आयोजित पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना दिवस के 75वीं सालगिरह के मौके पर चीनी राजदूत ने कहा कि ‘हम साथ काम करने के लिए तैयार हैं. भारत और चीन के नेताओं के बीच भी सहमति दिखाई देती है. दोनों देशों के रिश्ते विकास के पथ पर है और एक-दूसरे को आगे बढ़ाएंगे’.

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75 सालों से उतार-चढ़ावा वाला रिश्ता रहा

शू ने कहा दोनों देशों के बीच 75 सालों से रिश्ता है. यह रिश्ता उतार-चढ़ावों भरा रहा है लेकिन हमेशा सहयो पूर्ण रहा है. उन्होंने आगे बताया कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए 4 प्राथमिकताओं को रेखांकित करना होगा. दो प्रमुख प्राचीन सभ्यताओं वाले देश अपने संबंधों को सुधारते हैं तो वह विकास करता है.

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द्विपक्षीय संबंधों के चार प्रमुख पहलू कौन से?

शू फेइहोंग ने भारत-चीन संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए जिन चार प्रमुख पहलुओं पर जोर दिया है, वह ऐसे हैं

रणनीतिक दृष्टिकोण बनाए रखना- दोनों देशों को अपनी सभ्यता और विकासशील देशों के रूप में वैश्विक और रणनीतिक दृष्टिकोण से रिश्तों को देखना चाहिए.

मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान को बढ़ावा देना- सभी स्तरों और क्षेत्रों में आपसी समझ और मित्रता को गहरा करने की जरूरत है.

विवादों को संवाद से सुलझाना- दोनों देशों के बीच चल रहे पुराने सीमा विवादों को अब के संबंधों की परिभाषा नहीं बनने देना चाहिए.

साझा हितों को प्राथमिकता- दोनों देशों को अपने साझा हितों को बढ़ावा देना चाहिए और एक-दूसरे के उन हितों का सम्मान करना चाहिए, जो प्रमुख है.

ट्रंप टैरिफ पर कही बड़ी बात

शू फेइहोंग ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए 50% तक टैरिफ की आलोचना भी की है. उन्होंने इसे ‘अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक’ बताते हुए कहा कि चीन इसका विरोध करता है. उन्होंने दोनों देशों से मिलकर इस स्थिति का मुकाबला करने का रास्ता खोजना चाहिए. उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार को एक-दूसरे के पूरक के रूप में होना चाहिए न कि प्रतिस्पर्धा के रूप में चलाया जाना चाहिए.

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First published on: Sep 24, 2025 08:16 AM

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