H-1B Visa New Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप H-1B वीजा फीस को लेकर गुड न्यूज दे सकते हैं. वे अमेरिका के डॉक्टरों को एक लाख डॉलर फीस एच-1बी वीजा शुल्क से छूट दे सकते हैं. हालांकि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के कर्मचारियों को प्राथमिकता देने के लिए इतनी ज्यादा फीस लगाई है, लेकिन डॉक्टरों की बढ़ती कमी, खासकर ग्रामीण इलाकों में, को रोकने के लिए डॉक्टरों और मेडिकल रेजिडेंट्स को इससे छूट दी जा सकती है, लेकिन अभी यह प्रस्ताव विचाराधीन है.
🚨 Breaking News: Doctors may be exempt from $100,000 H1B visa fee.
(Bloomberg)---विज्ञापन---— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) September 22, 2025
झेलनी पड़ सकती है डॉक्टर्स की कमी
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने संकेत दिए हैं कि एक लाख डॉलर फीस से कुछ सेक्टर्स को छूट देने पर विचार किया जा रहा है, इसमें डॉक्टर और मेडिकल रेजिडेंट्स शामिल हो सकते हैं, क्योंकि सरकार ने महसूस किया है कि अगर डॉक्टरों पर एक लाख डॉलर फीस का बोझ पड़ा तो अमेरिका को डॉक्टरों की कमी झेलनी पड़ सकती है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष और मिशिगन के सर्जन बॉबी मुक्कामाला ने भी डॉक्टरों को नई फीस से बाहर रखने की अपील की है.
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अब एक लाख डॉलर देकर मिलेगा वीजा
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 सितंबर को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन करके जारी किया, जिसके अनुसार नए H-1B वीजा आवेदकों को एक लाख डॉलर अतिरिक्त फीस देनी होगी, तभी उन्हें वीजा मिलेगा. ट्रंप सरकार के इस फैसले से इंजीनियरिंग, टेक और साइंस इंडस्ट्री हिल गई है. माइक्रोसॉफ्ट, ऐप्पल, अमेजोन समेत दुनिया की बड़ी कंपनियों को झटका लगा है, क्योंकि अब उन्हें H-1B वीजा फीस धारकों को हायर करने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा.
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70 प्रतिशत भारतीय H-1B वीजा धारक
बता दें कि अमेरिका में 70 प्रतिशत H-1B वीजा धारक भारतीय हैं. इसलिए भारतीयों पर ट्रंप सरकार के नए फैसले का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. हालांकि ट्रंप सरकार एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन करके नई फैसले से जुड़ा FAQ मैन्युअल ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर चुकी है और भारत भी इस फैसले को आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लिए फायदेमंद बता चुका है, लेकिन ट्रंप सरकार अब एक लाख डॉलर फीस से मेडिकल सेक्टर को छूट देने पर विचार कर रही है.