When Did Fashion Emerge : इस सवाल का एकदम सटीक जवाब दे पाना बहुत मुश्किल है कि कब फैशन लोगों के जीवन का हिस्सा बना। लेकिन अब एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि इसकी शुरुआत सैकड़ों हजारों साल पहले साइबेरिया की गुफाओं में हुई थी। यह थ्योरी दुनिया की ऐसी पहली ज्ञात सुईयों का एनालिसिस करने के बाद रखी गई है जिनका इस्तेमाल सिलने के लिए किया जाता था और जो आइस एज यानी हिमयुग के आखिरी दौर की बताई जा रही हैं। ये सुईयां प्रसिद्द डेनिसोवा गुफा में मिली थीं। उल्लेखनीय है कि यह गुफा 1 लाख साल से ज्यादा समय तक डेनिसोवन, निएंडरथल और आधुनिक इंसानों का घर रही थी।
कम से कम 70,000 साल पहले तक गुफाओं में रहने वाले लोग अपने कपड़े बनाने के लिए हड्डियों की बनी सुई या बिना छेद वाली सुई का इस्तेमाल किया करते थे। अब सवाल उठता है कि इंसानों को कपड़ों की जरूरत महसूस क्यों हुई होगी? इसका जवाब बताया जा रहा है आइस एज को। हिमयुग के आते ही तापमान में गिरावट आई। इससे डेनिसोवन्स को बेहतर सुईयों की जरूरत महसूस हुई। अभी तक हड्डियों से बनी सुईयों से काम तो चल रहा था लेकिन भयंकर ठंड से बचाने के लिए ये पर्याप्त नहीं साबित हो रही थीं। उन्हें शरीर को ढकने के लिए कपड़ों की और लेयर्स की जरूरत थी। इसलिए उन्हें छेद वाली सुई जैसे टूल्स की जरूरत महसूस हुई।
THE EYED NEEDLE DEFINED FASHION https://t.co/CDjs95Z67R
— Phil Ford (@PhilFord46236) July 4, 2024
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क्रिएटिविटी दिखाने का रास्ता बने कपड़े
स्टडी के अनुसार छेद वाली सुईयों और ठंड से बचाने में प्रभावी व बेहतर फिटिंग वाले कपड़ों की जरूरत के बीच का संबंध स्पष्ट है। हालांकि, इन सुईयों की जरूरत यहीं पर खत्म नहीं हुई। ठंड से खुद को बचाने के इंसानों ने अपने शरीर तो ढक लिए थे। लेकिन अब वह अपने टैटू, बॉडी पेंट और जख्मों के निशानों को शो ऑफ नहीं कर पा रहे थे। उन्हें अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का कोई रास्ता तो चाहिए था। ऐसे में कपड़ों की डिजाइनिंग क्रिएटिविटी दिखाने के एक विकल्प के रूप में सामने आई। इसमें भी छेद वाली सुई ने अहम भूमिका निभाई। स्टडी के लेखक डॉ. इयान गिलिगन कहते हैं कि छेद वाली सुई प्रागैतिहासिक काल की एक अहम उपलब्धि है।
How the eyed needle took clothes from function to fashionhttps://t.co/nZfxl8Hnmd via @ABCaustralia pic.twitter.com/5M2etZEKOp
— Ian Gilligan (@Gilligan_Sydney) July 3, 2024
अंडरवियर का आविष्कार पर क्या मिला?
छेद वाली सुई का इस्तेमाल डेकोरेशन वाले कपड़ों की सिलाई करने में किया जाता था क्योंकि इनमें महीन सिलाई की जरूरत पड़ती है। साइंस एडवांसेस जर्नल में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में इस तरह की सुई का कनेक्शन अंडरवियर के आविष्कार से भी जोड़ा गया है। इस बात की संभावना जताई गई है कि अंडरवियर की जरूरत भी सबसे पहले इंसानों को आइस एज के दौरान ही महसूस हुई होगी। पुरा पाषाण काल के इंसानों (Paleolithic Humans) को हिमयुग की वजह से कपड़ों की अहमियत समझ आई होगी। धीरे-धीरे जरूरत ने क्रिएटिविटी जाहिर करने के साधन का रूप ले लिया और इसी के साथ इंसानों के जीवन में फैशन की एंट्री हुई होगी।
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