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Explainer: ट्रंप टैरिफ पर US कोर्ट के फैसले का भारतीयों पर क्या असर, किन पर रोक नहीं?

Trump tariffs US court ruling impact on India: अप्रैल 2025 में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत सहित विभिन्न देशों पर आयात शुल्क लगाया था। इसे लिबरेशन डे टैरिफ का नाम दिया गया। अमेरिका कोर्ट ने आज इस टैरिफ को गैरकानूनी करार दिया। अमेरिकी अदालत के फैसले का भारतीयों पर क्या असर और वो कौन से टैरिफ हैं जो आगे भी जारी रहेंगे।

Author Edited By : Vijay Updated: May 29, 2025 16:40
Trump administration tariff
Trump administration tariff

Trump tariffs US court ruling impact on India: ट्रंप प्रशासन ने अप्रैल में ही तमाम देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। ट्रंप प्रशासन ने उन देशों से आने वाले सामान पर टैक्स लगाने का आदेश दिया था, जो अमेरिका से कम सामान खरीदते हैं और उसे ज्यादा सामान बेचते हैं। इस कदम को ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ कहा गया था। अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने ट्रंप के लिबरेशन डे टैरिफ पर दिए फैसले को गैरकानूनी करार दिया। कोर्ट ने कहा कि अमेरिकी संविधान के अनुसार, विदेशों के साथ व्यापार को नियंत्रित करने का अधिकार सिर्फ अमेरिकी कांग्रेस के पास है, न कि राष्ट्रपति के पास।

भारत पर क्या होगा असर?

  1. अदालत के फैसले से फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल्स और ऑटोमोटिव जैसे क्षेत्रों से अतिरिक्त शुल्क का बोझ हट गया। भारत से अमेरिका के निर्यातकों को लाभ हो सकता है। अमेरिका की चीन-केंद्रित व्यापार रणनीतियों में कमी से भारत को वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरने का मौका मिल सकता है।
  2. ट्रंप के टैरिफ ने आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ा दी थीं, जिसका असर भारतीय उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकता था, खासकर उन वस्तुओं पर जो अमेरिका से आयात होती हैं। टैरिफ रद्द होने से कीमतों में स्थिरता आ सकती है, जिससे भारतीय आयातकों और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
  3. भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं में भारत को अब अधिक लाभकारी स्थिति मिल सकती है। भारत ने पहले ही मोटरसाइकिल और व्हिस्की जैसे उत्पादों पर टैरिफ कम करने की पेशकश की थी और यह फैसला भारत को अपनी शर्तों पर बातचीत करने का अतिरिक्त लाभ दे सकता है।
  4. टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार में अस्थिरता थी, जिससे भारतीय निर्यातक प्रभावित हो सकते थे। इस फैसले से वैश्विक बाजारों में स्थिरता की उम्मीद है, जिसका सकारात्मक प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

प्रमुख क्षेत्रों पर प्रभाव

  • फार्मास्यूटिकल्स: भारत अमेरिका को 12 अरब डॉलर से अधिक की दवाएं निर्यात करता है। टैरिफ लागू होने से दवाओं की कीमतें बढ़ सकती थीं, जिससे भारत की प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती। अब इस क्षेत्र को राहत मिलेगी।
  • टायर और ऑटोमोटिव: भारतीय टायर उद्योग, जो अमेरिका को 17% निर्यात करता है, टैरिफ से प्रभावित हो सकता था। अदालत के फैसले से कंपनियों जैसे अपोलो टायर्स को नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।
  • कृषि और प्रोसेस्ड फूड: टैरिफ से झींगा, डेयरी, और प्रोसेस्ड फूड पर 28.2% तक शुल्क बढ़ सकता था। अब ये क्षेत्र सुरक्षित रहेंगे।
  • वैश्विक व्यापार युद्ध का जोखिम कम: टैरिफ लागू होने से भारत और अन्य देश जवाबी टैरिफ लगा सकते थे, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध शुरू हो सकता था। अदालत का फैसला इस जोखिम को कम करता है, जिससे भारत की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलेगी।

भारत की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति

भारत ने पहले संकेत दिया था कि वह अमेरिकी टैरिफ के जवाब में अपने शुल्कों में कटौती कर सकता है। अब इस फैसले के बाद भारत को अपनी व्यापार नीति को फिर से समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है। भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत अपने टैरिफ को बनाए रख सकता है, जिससे विकासशील देशों को कुछ हद तक उच्च टैरिफ की अनुमति मिलती है।

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2 अप्रैल को कई देशों पर लगाए थे टैरिफ

जानकारी के लिए बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को कई देशों पर बेसिक 10% टैरिफ लगाया था। भारत पर 26% टैरिफ लगाया। चीन और यूरोपीय संघ जैसे देशों पर सबसे ज्यादा भारी टैरिफ लगाए गए थे। इसके बाद से शेयर बाजारों में हड़कंप मच गया, जिससे टैरिफ पर 9 अप्रैल को अस्थायी रूप से 90 दिन के लिए रोक दिया गया। हालांकि लिबरेशन डे टैरिफ लगे देशों पर बेसिक 10% टैरिफ लागू रहा।

कोर्ट में की अपील दायर

बता दें कि कोर्ट के इस फैसले के तुरंत बाद ट्रंप प्रशासन ने अपील दायर करने की घोषणा की है। व्हाइट हाउस के उप प्रमुख स्टीफन मिलर ने फैसले को न्यायिक तख्तापलट कहते हुए सोशल मीडिया पर कोर्ट की आलोचना की।

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आगे भी जारी रहेंगे ये टैरिफ, इनपर रोक नहीं

  • सेक्शन 232 टैरिफ: कोर्ट के फैसले का असर ऑटो और स्टील और एल्यूमिनियम पर लगे ट्रंप के टैरिफ पर नहीं है, जो ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट 1962 के सेक्शन 232 के तहत लगाए गए हैं। ये टैरिफ भारत सहित सभी देशों से इन विशिष्ट वस्तुओं के आयात पर लागू रहेंगे।
  • सेक्शन 301 टैरिफ: ट्रंप के पहले कार्यकाल और बाइडेन प्रशासन के दौरान लगाए गए कुछ क्षेत्र-विशिष्ट टैरिफ, जो ट्रेड एक्ट 1974 के सेक्शन 301 के तहत हैं, भी अप्रभावित रहेंगे। गौर हो कि ऑटो और स्टील एल्यूमिनियम पर ट्रंप के पिछले कार्यकाल से ही 25% और 10% टैरिफ लगाया था, जो उनके फिर से सत्ता में आते लागू हो गया। इस बार टैरिफ की दर स्टील के साथ ऑटोमोबाइल पर भी 25% रही है।

फैसला रहा बरकरार तो भी बढ़ेगा व्यापार

यदि यह फैसला बरकरार रहता है, तो भारत को अपने 66 बिलियन डॉलर के निर्यात (विशेष रूप से फार्मा और ऑटोमोटिव) पर कम टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है, जिससे व्यापार बढ़ेगा। हालांकि, यदि ट्रंप प्रशासन वैकल्पिक कानूनी रास्तों (जैसे सेक्शन 232 या 301) का उपयोग करता है, तो भारत को कुछ क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

First published on: May 29, 2025 04:15 PM

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