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‘सोयाबीन’ विवाद पर ट्रंप-शी जिनपिंग की होगी मुलाकात, बदल सकते हैं ट्रे़ड समीकरण, भारत पर क्या असर?

Trump to Meet Xi Jinping: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगले 4 हफ्तों में मुलाकात तय हो चुकी है. सोयाबीन विवाद सुलझाने पर होगी विशेष चर्चा. क्या इसका भारत पर भी दिखेगा असर?

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Oct 2, 2025 08:08
xi jinping and trump meeting

Trump to Meet Xi Jinping: अमेरिकी सोयाबीन विवाद का नया मुद्दा बन गया है. यूएस और चीन के बीच ट्रेड टेंशन गहराता जा रहा है. बढ़े हुए टैरिफ के चलते चीन ने अमेरिका से सोयाबीन की खरीद बंद कर दी है जिसके खामियाजा अमेरिकी किसानों को भुगतना पड़ रहा है. इसलिए, अब दोनों देशों के नेताओं ने मुलाकात करने का फैसला लिया है. शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप चार हफतों में मिलने वाले हैं. इस मुलाकात के कई मायने निकल कर आ सकते हैं. भारत पर इसका कैसा असर होगा यह भी समझना जरूरी है.

ट्रंप ने दी जानकारी

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को अपने ट्रुथ अकाउंट पर पोस्ट शेयर कर जानकारी दी है कि वे अपने सोयाबीन उगाने वाले किसानों के साथ खड़े हैं और इसलिए वह चीन से बातचीत भी करेंगे. पोस्ट पर ट्रंप ने लिखा- ‘हमारे देश के सोयाबीन किसान इसलिए प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि चीन हमारे साथ ट्रेड और टैरिफ पर बार्गेनिंग के लिए सोयाबीन की खरीदारी नहीं कर रहा’. ट्रंप बोले- हमने टैरिफ से काफी राजस्व कमाया है उसका एक हिस्सा किसानों की मदद के लिए दिया जाएगा.

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बाइडेन को कोसने का नहीं छोड़ते मौका

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को कोसने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं. उन्होंने चीन से सोयाबीन कारोबार को लेकर भी बाइडेन को घेरा है. ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा है कि चीन के साथ व्यापार समझौते को लागू नहीं किया, जिससे अमेरिका के अरबों डॉलर के उत्पाद खरीदे जाने थे. किसानों को आश्वासन देते हुए ट्रंप ने किसानों से वादा किया है कि उनकी मुलाकात का प्रमुख विषय सोयाबीन रहेगा.

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क्यों खास है यह मुलाकात?

अगर दोनों देश बातचीत से रास्ता निकालते हैं तो इससे वैश्विक बाजार में स्थिरता आएगी. ट्रंप और जीनपिंग की मुलाकात के बाद काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं. बता दे कि चीन को सोयाबीन की जरूरत है और अमेरिका को अपने किसानों की सुरक्षा करनी है. इस मुलाकात से दोनों नेता अपने लोगों के हितों में संतुलन बनाने की कोशिश करेंगे. अगर समझौता हुआ तो बाजारों में पॉजिटिव रिएक्शन देखने को मिलेगा. वहीं, अगर बातचीत विफल रही तो शेयर मार्केट और कमोडिटी प्राइस में अस्थिरता बढ़ेगी.

भारत पर कैसा दिखेगा असर?

भारत पर इसका सीधा असर तब देखने को मिल सकता है जब चीन अमेरिका से सोयाबीन की खरीदारी नहीं करेगा. चीन को सोयाबीन की आवश्यकता है उसे वैकल्पिक सप्लायर की जरूरत होगी जिसमें भारत भी एक विकल्प है. अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर बढ़ता है तो कई अमेरिकी कंपनियां चीन से बाहर सप्लाई बेस ढूंढेंगी. इसलिए, अमेरिका के लिए भारत भी एक सहारा बन सकता है. अगर भारत में मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री बैठी तो इससे नौकरी और निवेश बढ़ सकते हैं.

अगर ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात में समझौता तय हो जाता है तो चीन फिर से अमेरिका से सोयाबीन और दूसरे उत्पाद खरीदना शुरू कर देगा. इससे भारत को होने वाला फायदा सीमित हो जाएगा. वहीं, भारत की सप्लाई चेन अभी ब्राजील या अमेरिका जितनी मजबूत नहीं है, इसलिए बड़े स्तर पर तुरंत फायदा मिलना कठिन है.

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First published on: Oct 02, 2025 07:45 AM

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