Iran Foreign Minister Hits Back at Trump: ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप वाकई ईरान के साथ कोई समझौता करना चाहते हैं तो अपमानजनक भाषा से बचें। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के बारे में सम्मान से बात करें। ईरान से बचने के लिए इजरायल डैडी के पास भागा था, इसे याद रखें। जरूरत पड़ी तो ईरान अपनी ‘असली ताक़त’ दिखा देगा। ईरान अगर अपनी पर आया तो अपनी क्षमता के बारे में लोगों की सभी भ्रांतियां दूर कर देगा। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर लिखा था कि युद्ध हार कर भी ईरान और खामेनेई क्यों बार-बार खुद को विजेता घोषित करता है। अगर अमेरिका ने होता तो खामेनेई इजरायल के हाथों मारा जाता है। अमेरिका ने उसे खौफनाक मौत से बचाया। खामेनेई आभारी होने की बजाय विरोध बयान दे रहा है।
ईरान और अमेरिका में चल रही जुबानी जंग
बता दें कि ईरान और इजरायल में सीजफायर होने के बाद अमेरिका और ईरान में जबानी जंग चल रही है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने ईरान को जंग का विजेता घोषित कर दिया और कहा कि अमेरिका ईरान के परमाणु ठिकानों को हुए नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। अगर अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर फिर हमला किया तो अंजाम भुगतना होगा। ईरान पहले से ज्यादा बड़े हमले करेगा। खामेनेई के इस बयान पर पलटवार करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने जवाब दिया कि जब जीते ही नहीं तो विजेता होने का दावा कैसे कर दिया? अमेरिका ने खामेनेई को इजरायल से बचाया, वरना वे मार देते। खामेनेई आभार जताने की बजाय विरोधी बयान दे रहे हैं। अब अमेरिका ईरान से कोई डील नहीं करेगा। कोई राहत नहीं देगा और प्रतिबंधों में भी कोई ढील नहीं देगा। अगर ईरान ने फिर परमाणु हथियार बनाए तो अमेरिका पहले से बड़ा हमला करेगा।
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ईरान-इजरायल की जंग में कूदा था अमेरिका
बता दें कि ईरान के परमाणु ठिकाने ध्वस्त करने के लिए इजरायल ने हमला किया। दोनों देशों में करीब 12 दिन जंग चली। दोनों देशों ने एक दूसरे पर मिसाइलें दागकर ठिकानों और रिहायशी इलाकों को तबाह किया। हमले में दोनों देशों के कई लोग मारे गए और घायल भी हुए। 12 दिन में ईरान और इजरायल ने भारी नुकसान उठाया है। इस बीच अमेरिका ने ईरान के 3 बड़े परमाणु ठिकानों पर बमबारी की तो ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईराक और कतर में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। 13वें दिन अमेरिका ने कतर के जरिए मध्यस्थता करके ईरान और इजरायल में सीजफायर करा दिया।