One Big Beautiful Bill Impact on India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 4.5 ट्रिलियन डॉलर का वन बिग ब्यूटीफुल बिल अमेरिकन संसद में पास हो गया है। देर रात इस बिल पर अमेरिकन संसद में लंबी बहस चली और आखिरी में बिल को फाइनल परमिशन दे दी गई। बिल को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 218-214 के मतों से पास किया गया। राष्ट्रपति ट्रंप आज 4 जुलाई दिन शुक्रवार को शाम 5 बजे बिल पर साइन कर सकते हैं। वहीं बिल पास होने के बाद अब अमेरिका में एक साथ कई चीजें होंगी। अवैध प्रवासियों को तेजी से डिपोर्ट किया जाएगा और टैक्स कट्स भी जबरदस्त तरीके से होंगे।
बिल में क्या बड़े प्रावधान?
ट्रंप का वन बिग ब्यूटीफुल बिल 940 पेजों का डॉक्यूमेंट है, जिसमें प्रावधान किया गया हैकि साल 2017 में बने टैक्स कट्स एंड जॉब्स एक्ट को स्थायी किया जाएगा। ओवरटाइम सैलरी, दी जाने वाली टिप और सोशल सिक्योरिटी इनकम पर 15% टैक्स डिडक्शन कटौती की जाएगी। कॉर्पोरेट टैक्स की दरें कम की जाएंगी। बॉर्डर सिक्योरिटी और मिलिट्री एक्सपेंसिस पर टैक्स के साथ-साथ रेमिटेंस टैक्स का प्रावधान बिल में किया गया है। अमेरिका में बाहर से आने वाले पैसे पर 3.5% से 5% तक टैक्स लगाने का प्रावधान है। राष्ट्रपति ट्रंप की भाषा में कहें तो बिल में टैक्स कट का प्रावधान है। बॉर्डर सिक्योरिटी और अमेरिका के बेसिक स्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के नियम हैं।
Here’s a list of the wins in the One Big Beautiful BIll.
Don’t be allergic to winning. Take the Ws.
🇺🇸🇺🇸 pic.twitter.com/yA54f8hNkH
— Charlie Kirk (@charliekirk11) July 2, 2025
भारत पर क्या पड़ेगा असर?
ट्रंप के बिग ब्यूटीफुल बिल का भारत पर काफी असर पड़ेगा। बिल में रेमिटेंस टैक्स को 3.5% से घटाकर 1% करने का प्रावधान है। रेमिटेंस टैक्स के तहत बैंक अकाउंट्स, डेबिट, क्रेडिट कार्ड के जरिए भेजे गए पैसे पर छूट मिलती है, लेकिन अब कैश, मनी ऑर्डर, कैशियर चेक के जरिए पैसे भेजने पर एक प्रतिशत टैक्स देना होगा। बिल पर राष्ट्रपति ट्रंप के सिग्नेचर होने के बाद अमेरिका में बाहर से आने वाले पैसे पर लगने वाला टैक्स 3.5% से बढ़कर 5% हो जाएगा। इसका असर भारत पर पड़ेगा, क्योंकि इससे जहां सरकारी खर्च में कमी आएगी, वहीं नौकरशाही सुधरेगी, लेकिन प्राइवेटाइजेशन को प्रोत्साहन मिलेगा।
ट्रंप के इस बिल से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा, क्योंकि अमेरिका का कर्ज बढ़ा जाएगा, जिससे डॉलर की वैल्यू पर दबाव आएगा और भारत समेत कई देशों की करेंसी की वैल्यू गिर जाएगी। बिल लागू करने के बाद अमेरिका ने क्लीन एनर्जी में इन्वेस्टमेंट कम किया तो ग्लोबल टेक्नोलॉजिकल और इन्वेस्टमेंट फ्लो पर असर पड़ेगा, जिससे भारत का सोलर विंड प्रोजेक्ट प्रभावित होगा। इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चिप्स और बैटरी बनाने वाले प्रोडक्ट्स की मांग घटेगी, जिसका असर भारत पर पड़ेगा।