Donald Trump Big Claim: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन आज अलास्का में मुलाकात करेंगे। भारतीय समय के अनुसार रात एक बजे ट्रंप-पुतिन के बीच शिखर वार्ता होगी, जिसके दोनों तरफ का डेलीगेशन फाइनल हो गया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के डेलिगेशन में विदेश मंत्री लावरोव, उशाकोव, बेलोउसॉव, सिलुआनोव और किरिल दिमित्रिएव होंगे, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के डेलिगेशन में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के अलावा मार्को रुबियो, स्कॉट बेसेंट और स्टीव विटकॉफ शामिल होंगे।
#WATCH | On being asked if the territorial swaps will be discussed in his meeting with Russian President Vladimir Putin in Alaska, US President Donald Trump says, "They will be discussed, but I have got to let Ukraine make that decision, and I think they will make a proper… pic.twitter.com/pqLT4Zebgh
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 15, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति ने किए ये 2 बड़े दावे
बता दें कि ट्रंप-पुतिन में यूक्रेन से जंग और सीजफायर के अलावा रूस-अमेरिका के भविष्य के व्यापारिक रिश्तों पर भी चर्चा होगी। वहीं पुतिन से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से व्हाइट हाउस ने 2 बड़े दावे भी किए हैं। एक यह कि अमेरिकी डेलिगेशन को बैठक शुरू होने के बाद पहले 5 मिनट में ही पता चल जाएगा कि बैठक का निष्कर्ष निकलेगा या नहीं। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि अगर वे राष्ट्रपति नहीं होते तो रूस की सरकार और सेना ने साल 2022 से अब तक पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर लिया होता।
बैठक के निष्कर्ष को लेकर किया दावा
व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले 3 मिनट, 3 मिनट, 4 मिनट या 5 मिनट में ही पता चल जाएगा कि बैठक का अंत अच्छा होगा या बुरा होगा। अगर यह बैठक बुरी रही तो यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी और अगर यह एक अच्छी बैठक रही, तो जल्द ही रूस और यूक्रेन में शांति स्थापित हो जाएगी। बता दें कि ट्रंप लंबे समय से दावा करते रहे हैं कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो पुतिन साल 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण नहीं करते। अगर मैं राष्ट्रपति नहीं होता, तो वह पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर लेते, लेकिन अब राष्ट्रपति हूं तो ऐसा होने नहीं दूंगा।
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US के आर्मी बेस पर होगी मुलाकात
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात 15 अगस्त 2025 को अलास्का के एंकोरेज में US आर्मी के जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसनहोगी। इस ऐतिहासिक शिखर वार्ता का मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराना है। फरवरी 2022 से दोनों देशों में युद्ध चल रहा है और साल 2021 के बाद दोनों नेताओं की पहली बार आमने-सामने मुलाकात हो रही है। वहीं पुतिन 10 साल बाद अमेरिका की यात्रा पर आ रहे हैं।
यूक्रेन बैठक में शामिल नहीं होगा
मुलाकात को लेकर ट्रंप ने दावा किया है कि पुतिन यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म करने के लिए तैयार हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि मुलाकात विफल होने की 25% संभावना है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। रूस चाहता है कि यूक्रेन खेरसॉन, लुगांस्क, जापोरिज्जिया और डोनेत्स्क से अपनी सेना हटाए और नाटो में शामिल होने की जिद छोड़े। पश्चिमी देशों को हथियारों की सप्लाई पर भी रोक लगा दे।
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बिना शर्त युद्धविराम चाहता यूक्रेन
वहीं यूक्रेन की मांग बिना शर्त युद्धविराम, युद्धबंदियों की रिहाई और रूस द्वारा अगवा किए गए बच्चों की वापसी है। दूसरी ओर, भारत इस मुलाकात पर नजर रखे हुए है, क्योंकि रूस से तेल आयात के कारण अमेरिका ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। यदि यह बैठक विफल होती है, तो टैरिफ और बढ़ सकता है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। यूरोपीय नेता भी चिंतित हैं, क्योंकि फ्रांस और ब्रिटेन ने कहा कि यूक्रेन के बिना कोई शांति संभव नहीं है।