China Responds Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने NATO देशों से चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपील की तो चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका और ट्रंप को कड़ा संदेश दिया. चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि आर्थिक प्रतिबंध दबाव डालते हैं, लेकिन मुश्किलों भी बढ़ाते हैं और तनाव पैदा करते हैं. युद्ध हर समस्या का हल नहीं है. चीन न युद्धों की साजिश रचता है और न ही युद्धों का हिस्सा बनता है.
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अब क्या है डोनाल्ड ट्रंप की डिमांड?
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोपीय संघ, G7 देशों और NATO में शामिल 32 सदस्य देशों से अपील की है कि वे भारत और चीन पर 50 से 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएं, ताकि रूस पर दबाव आए और वह यूक्रेन से युद्ध खत्म कर दे. इसी अपील पर चीन ने रिएक्ट किया है. स्लोवेनिया के दौरे पर गए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका पर पलटवार करते हुए कहा कि चीन युद्धों का हिस्सा नहीं बनता. पिछले महीने अमेरिका के विदेश मंत्री से भी बात हुई थी, बावजूद इसके ट्रंप टैरिफ का दबाव बन रहे हैं, जो ठीक नहीं है.
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चीन-अमेरिका में क्या हुई थी बात?
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि पिछले महीने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात हुई थी. उनसे कहा गया था कि अमेरिका और चीन साथ मिलकर चलेंगे तो दोनों देशों का फायदा होगा. अगर दोनों देशों अपने रास्ते से भटकेंगे नहीं और मिलकर आगे बढ़ेंगे तो इसी तरह दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बने रहेंगे. बता दें कि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है. चीन ने साल 2024 में रूस से रिकॉर्ड 109 मिलियन टन तेल खरीदना था. चीन अपने कुल तेल आयात का 20 प्रतिशत हिस्सा रूस से खरीदता है.
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यूक्रेन संकट खत्म करना चाहते ट्रंप
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप रूस और यूक्रेन का युद्ध खत्म करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने रूस पर आर्थिक दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है. इसके लिए वे रूस के बिजनेस पार्टनर्स खासकर भारत और चीन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रंप का मानना है कि भारत और चीन पर आर्थिक दबाव आएगा तो रूस की अर्थव्यवस्था भी डगमगाएगी. रूस को परेशानी होगी और भारत-चीन से मदद नहीं मिलेगी तो वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने के लिए शांति वार्ता करने को तैयार हो जाएगा.