China Renames Arunachal Pradesh: भारत-पाक तनाव के बीच चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 22 स्थानों के नाम बदल दिए हैं। ये भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाला एक बड़ा राजनीतिक कदम है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन ने ऐसा किया हो, इससे पहले भी वह “दक्षिण तिब्बत” कहकर अरुणाचल पर दावा करता रहा है। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच चीन का ये पैंतरा – संयोग नहीं बल्कि समय देखकर किया गया कार्य है।
चीन ने ऐसा क्यों किया?
अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर के इलाके में Vibrant Village Program के तहत यातायात और जीवन स्तर के सुधार से जुड़े बहुत काम हो रहे हैं। यही वजह है कि इससे घबराकर चीन ने ये पेंतरा दुहराया है। बता दें कि हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के भारत-चीन बॉर्डर के मेचुका गांव में पहली बार इंटरनेशनल एडवेंचर रेस का आयोजन हुआ था जिसमें कई देशों ने भाग लिया था।
इससे पहले भी किया ये काम
बता दें कि चीन ने इससे पहले भी ये काम किया है। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने यह कदम अप्रैल 2024 में उठाया था जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे गांव, पर्वत, नदियां, दर्रे और अन्य स्थल को चीनी नाम दिए हैं। यह कार्रवाई ‘मानक भौगोलिक नामों’ के तहत की गई है।
#WATCH | Delhi | On MEA’s statement on China’s attempts to name places in Arunachal Pradesh, Major General Dhruv C Katoch (Retired) says, “These Chinese attempts are deplorable. For no rhyme or reason, China continues to interfere with Arunachal Pradesh… The world should take… https://t.co/drYJgpUYOA pic.twitter.com/2d12uvCb1J
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 14, 2025
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भारत की इस पर क्या प्रतिक्रिया?
अब भारत सरकार ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा- “अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। कोई भी नाम बदलने से यह तथ्य नहीं बदल सकता।”
मेजर जनरल ध्रुव सी कटोच ने दी प्रतिक्रिया
अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नामकरण के चीन के प्रयासों पर विदेश मंत्रालय के बयान पर मेजर जनरल ध्रुव सी कटोच (सेवानिवृत्त) ने कहा, “चीन के ये प्रयास निंदनीय हैं। बिना किसी कारण के चीन अरुणाचल प्रदेश में हस्तक्षेप करना जारी रखे हुए है… दुनिया को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि चीन क्या कर रहा है, खासकर तिब्बत में… भारत तिब्बत की आजादी के लिए नेतृत्व कर सकता है और दुनिया, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका, इस कदम का समर्थन कर सकता है। एक बार तिब्बत एक स्वतंत्र देश बन जाए, तो चीन के साथ हमारी सभी समस्याएं हल हो जाएंगी… तिब्बत का स्वतंत्र देश बनना एशिया में स्थिरता के लिए दीर्घकालिक समाधान होगा।”
चीन किन उद्देश्यों से नाम बदलता है?
एक सवाल ये उठता है कि चीन किन वजहों से नाम बदलता है। इसके पीछे की वजह भी जान लीजिए।
1. राजनीतिक दबाव बनाना
2. नक्शों और दस्तावेजों में भ्रम पैदा करना
3. अंतरराष्ट्रीय मंच पर झूठा दावा स्थापित करना
4. स्थानीय भाषा और संस्कृति को मिटाना
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