China Increasing Nuclear Weapons Pentagon Released Report: अमेरिका की ओर से हाल ही में किए गए एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई है। इसमें कहा गया है कि चीन ने पिछले वर्षों में अपने परमाणु शस्त्रागार (परमाणु हथियार) में काफी विस्तार किया है। आगे भी वह अपने परमाणु बलों का तेजी से आधुनिकीकरण, विविधता और विस्तार करना जारी रखेगा। यह आकलन पेंटागन की ओर से अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई एक रिपोर्ट में आया है।
पेंटागन ने कहा है कि पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) नए आईसीबीएम विकसित कर रहा है जो इसकी परमाणु-सक्षम मिसाइल बलों में काफी सुधार करेगा। ताजा आंकड़ों के अनुसार, माना जा रहा है कि कम्युनिस्ट देश के पास 500 ऑपरेशनल वॉरहेड हैं और 2030 तक इसे 1,000 तक पहुंचने की उम्मीद है। विशेष रूप से बीजिंग का कहना है कि वह नो-फर्स्ट-यूज नीति का पालन करता है। बताया गया है, साल 2021 में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि चीन के पास 400 हथियार हैं।
… तो फिर चीन से होगा ये खतरा
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन पारंपरिक रूप से सशस्त्र अंतरमहाद्वीपीय दूरी की मिसाइल प्रणाली बनाने की संभावना तलाश रहा है। साथ ही कहा गया है कि यदि चीन ने ये मिसाइलें बना लीं और तैनात कर दीं तो संयुक्त राज्य अमेरिका और अलास्का के लिए खतरा पैदा हो सकता है। साथ ही वह चेतावनी भी दे सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने संभवतः 2022 में अपने तीन नए ठोस-प्रणोदक साइलो क्षेत्रों का निर्माण पूरा कर लिया, जिसमें कम से कम 300 नए आईसीबीएम साइलो शामिल हैं।
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रूसी और अमेरिकी शस्त्रागार
न्यूज साइट वियोन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का परमाणु हथियार भंडारण अभी भी रूस और अमेरिका के सामने कम है। इंडिपेंडेंट स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, रूस के पास 5,889 हथियारों का परमाणु शस्त्रागार है, जबकि अमेरिका के पास 5,244 हथियार हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में रूस ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) से हटने की अपनी योजना की घोषणा की, जो दो महाशक्तियों के बीच परमाणु दौड़ को और बढ़ा सकती है।
भारत और पाकिस्तान भी कर रहे हैं विस्तार
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट का कहना है कि भारत और पाकिस्तान भी अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां पाकिस्तान भारत के परमाणु निवारक का मुख्य फोकस बना हुआ है, वहीं भारत लंबी दूरी के हथियारों पर जोर दे रहा है। इसमें चीन भर में लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम हथियार भी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी 2023 तक भारत के पास 164 परमाणु हथियार थे जबकि पाकिस्तान के पास 170 थे।
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