Canada PM Justin Trudeau Resign impact on India: जस्टिन ट्रूडो ने बीते दिन कनाडा के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। पिछले 9 साल से कनाडा की कमान संभाल रहे जस्टिन ट्रूडो ने न सिर्फ कनाडा के पीएम पद बल्कि लिबरल पार्टी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना की घोषणा कर दी है। ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है खालिस्तान मामला, जिसे ट्रूडो कई बार खुलकर समर्थन दे चुके हैं। ऐसे में ट्रूडो के जाने के बाद 2 बड़े सवाल सामने आ रहे हैं, पहला कि ट्रूडो की जगह अब कौन लेगा और दूसरा क्या अब भारत-कनाडा के रिश्तों में सुधार देखने को मिलेगा?
जस्टिन ट्रू़डो के बाद कौन?
CSIS (Centre for Strategic and International Studies) की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के लिए 4 नाम सामने आ रहे हैं। चारों चेहरों का नाम लिबरल पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार है। कनाडा के पीएम पद की रेस में मार्क कार्नी, क्रिस्टिया फ्रीलैंड, मेलानी जोली और डोमिनिक लेब्लांक का नाम सामने आ रहा है।
I will always fight for this country, and do what I believe is in the best interest of Canadians. pic.twitter.com/AE2nSsx5Nu
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) January 7, 2025
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पीएम पद के 4 दावेदार
क्रिस्टिया फ्रीलैंड – क्रिस्टिया 2019 से 2024 के बीच ट्रूडो के ही कार्यकाल में कनाडा की डिप्टी पीएम रह चुकी हैं। हैरानी की बात तो यह है कि ट्रूडो के खिलाफ आवाज उठाने वाले कई सांसद क्रिस्टिया को सपोर्ट कर चुके हैं।
डोमिनिक लेब्लांक – डोमिनिक को जस्टिन ट्रूडो के खास दोस्तों में गिना जाता है। वो कनाडा के वित्त मंत्री रहे हैं। खबरों की मानें तो ट्रूडो के बाद कई लोग डोमिनिक के नाम का भी समर्थन कर रहे हैं।
मार्क जोसेफ कार्नी – मार्क काफी लंबे समय से लिबरल पार्टी के आर्थिक सलाहकार हैं। उनकी गिनती कनाडा के बड़े अर्थशास्त्री और बैंकर्स में होती है। कई लोगों का मानना है कि अगर मार्क कनाडा के पीएम बने तो देश को आर्थिक संकट ने उबरने में मदद मिलेगी।
मेलानी जोली- मेलानी को भी जस्टिन ट्रूडो की भरोसेमंद मंत्रियों में गिना जाता है। मेलानी ट्रूडो सरकार के अंतर्गत कनाडा की विदेश मंत्री रह चुकी हैं। 2015 से उनकी लिबरल पार्टी और ट्रूडो कैबिनेट पर अच्छी पकड़ है।
Thank you, @JustinTrudeau. pic.twitter.com/3KAqXMR5Pe
— Liberal Party (@liberal_party) January 6, 2025
क्या खालिस्तान आंदोलन पर लगेगा ब्रेक?
विदेश मामलों के जानकार और JNU के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. ए पाशा का कहना है कि अगर कनाडा में कंजर्वेटिव्स की सरकार बनी तो निश्चित रूप से खालिस्तान आंदोलन कमजोर होगा, लेकिन यह पूरी तरह से खत्म नहीं होगा। खालिस्तानी समर्थक कनाडा में बड़ा वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में कोई भी पार्टी इस पर पूरी तरह काबू नहीं पा सकती है।
Nothing has changed.
Every Liberal MP and Leadership contender supported EVERYTHING Trudeau did for 9 years, and now they want to trick voters by swapping in another Liberal face to keep ripping off Canadians for another 4 years, just like Justin.
The only way to fix what… pic.twitter.com/YnNYANTs1y
— Pierre Poilievre (@PierrePoilievre) January 6, 2025
भारत पर क्या होगा असर?
CSIS की मानें तो अक्टूबर 2025 में कनाडा में चुनाव होंगे और इस बार देश में कंजर्वेटिव्स की सरकार बनेगी। ऐसे में पियरे पोलीवरे कनाडा के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं। वर्तमान में पियरे कनाडा के नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) हैं और वो कई बार भारत को समर्थन दे चुके हैं। पियरे ने ट्रूडो के उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का जिम्मेदार भारत को ठहराया था। पियरे का कहना था कि ट्रूडो भारत को लेकर झूठ बोल रहे हैं। ऐसे में अगर पियरे कनाडा के पीएम बनते हैं तो इससे भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार की संभावना है।
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