Butcher of Tehran Ebrahim Raisi Profile: एक आदेश सुनाकर 5 हजार लोगों को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया था। मौत की नींद सुलाने के बाद उनकी लाशों को कब्रों तक में दफन करा दिया था। एक कब्र में कई-कई लाशें दफन नहीं हुई थीं। हालांकि रिकॉर्ड के अनुसार, यह कंफर्म नहीं कि कितने राजनीतिक कैदियों को फांसी दी गई थी, लेकिन हजारों लोगों को एक साथ सामूहिक रूप से फांसी दिए जाने की घटना पूरी दुनिया हिल गई थी।
वहीं आदेश देने वाले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को कोई पछतावा नहीं हुआ। इसलिए दुनिया ने उन्हें Butcher of Tehran कहा और आज जब उस ‘कसाई’ की मौत की खबर आई तो इजरायल के यहूदी धर्मगुरुओं ने पब्लिक स्टेटमेंट दिया कि उस इंसान को अपने कर्मों की सजा मिली है। ईश्चर ने इंसाफ किया, रईसी को उसके खौफनाक इरादों के लिए सजा दी।
🚨🇮🇷BREAKING: OFFICIAL ANNOUNCEMENT OF PRESIDENT RAISI’S DEATH
---विज्ञापन---The country of Iran was “officially” informed of the death at the Shrine of Iman Reza.pic.twitter.com/InzbInYefb https://t.co/tLlFWigab0
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) May 20, 2024
डेथ कमेटी के मेंबर बनकर सुनाई थी खौफनाक सजा
ईरान-इराक युद्ध के खत्म होने के बाद रईसी ईरान के डिप्टी प्रॉसिक्यूटर बने। उस वक्त के सिर्फ 25 साल के थे। 1988 में वे जज बन गए थे और ‘डेथ कमेटी’ के मेंबर बन गए। इस कमेटी की सिफारिश पर उन राजनीतिक कैदियों पर फिर से केस किए गए थे, जो सरकार विरोधी राजनीतिक गतिविधियों के कारण सजा काट रहे थे। इन राजनीतिक कैदियों में वामपंथी और विपक्षी समूह मुजाहिदीन-ए-खल्का (MEK) या पीपल्स मुजाहिदीन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ईरान (PMOI) के सदस्य शामिल थे।
कमेटी ने रईसी को केसों का जज बनाया और कमेटी की सहमति से राजनीतिक कैदियों को मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि रिकॉर्ड में अपडेट नहीं है, लेकिन रईसी ने करीब 5 हजार पुरुषों और महिलाओं को फांसी की सजा सुनाई। इतना ही नहीं सभी को सामूहिक कब्रों में दफन करवा दिया था। मानवाधिकार आयोग ने इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध बताया था।
जब विरोध हुआ तो इब्राहिम रईसी ने इस मामले में अपनी भूमिका होने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने यह बयान देकर चौंका दिया था कि ईरान के पूर्व सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी के फतवे के अनुसार वह सजा ठीक थी। इसलिए रईसी को लोग तेहरान का कसाई कहते थे और अमेरिका ने रईसी पर प्रतिबंध लगा दिया था।
BREAKING: Iranian State TV officially confirms the death of President Raisi pic.twitter.com/8duxaJ1Y1x
— Global Press (@GlobalPressCorp) May 19, 2024
पिता मौलवी थे, रईसी अति कट्टरपंथी खमैनी के करीबी थे
1960 में उत्तर पूर्वी ईरान के पवित्र शहर मशहद में इब्राहिम रईसी जन्मे थे। शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मस्जिद में वे नमाज पढ़ने जाते थे। उनके पिता मौलवी थे, लेकिन 5 साल का होने पर उन्होंने पिता को खो दिया था। 15 साल की उम्र तक कोम शहर में एक शिया इंस्टीट्यूट में उन्होंने पढ़ाई की। रईसी मोहम्मद रेजा शाह के विरोधी थे। अयातुल्ला खुमैनी ने इस्लामिक क्रांति करके 1979 में रेजा शाह की सरकार का तख्ता पलट कर दिया और 20 साल के रईसी को कराज का महा-अभियोजक बना दिया।
1989 से 1994 तक रईसी तेहरान के महा-अभियोजक रहे। 2004 से 2014 तक न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ रहे। 2014 में रईसी ईरान के महाभियोजक बने, लेकिन रईसी के राजनीतिक विचार ‘अति कट्टरपंथी’ थे। वे ईरान के कट्टरपंथी नेता और देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी के करीबी थे। उनके समर्थन से ही रईसी जून 2021 में उदारवादी हसन रूहानी को हटाकर इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राष्ट्रपति बने।