नई दिल्ली: बांग्लादेश के पंचगढ़ में रविवार को हुए नाव हादसे में सोमवार को 26 और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या पचास पहुंच गई है। स्थानीय मीडिया ने अतिरिक्त उपायुक्त के हवाले से मरने वालों की संख्या की पुष्टि की। पीड़ितों में 25 महिलाएं और 13 बच्चे थे, जिनमें से ज्यादातर महालया मनाने के लिए बोदेश्वरी मंदिर जा रहे थे।
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यहां हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, रविवार दोपहर राजधानी ढाका से 468 किलोमीटर दूर करातोया नदी में एक नाव के पलट जाने से कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई।
महालया मनाने मंदिर जा रहे थे यात्री
बोड़ा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी सुजॉय कुमार रॉय ने कहा कि इंजन से चलने वाली नाव आवालिया घाट के पास दोपहर करीब 1:30 बजे बोरोसोशी यूनियन के तहत बोदेशरी हिंदू मंदिर की ओर जा रही थी। अधिकांश यात्री महालया मनाने के लिए मंदिर जा रहे थे।
2020 में नाव डूबने से मारे गए थे 49 लोग
बता दें कि 2020 में भी दो अलग-अलग नाव डूबने के हादसों में कुल 49 लोगों की मौत हुई थी। जून 2020 में हुए एक नाव हादसे में 32 लोग मारे गए थे। करीब दो महीने बाद अगस्त में भी नेत्रकोना के मदन उपजिला में एक नाव डूबने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।
बांग्लादेश में ऐसी दुर्घटनाएं आम
बांग्लादेश शक्तिशाली नदियों – गंगा और ब्रह्मपुत्र के निचले मार्ग पर स्थित है, देश 230 छोटी-बड़ी नदियों से घिरा हुआ है। ऐसे में वहां आवागमन के लिए बड़ी संख्या में नावों और छोटे जहाजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिन पर लाखों यात्री निर्भर रहते हैं। लेकिन सुरक्षा मानकों में ढील और ओवरलोडिंग के कारण बांग्लादेश में नाव दुर्घटनाएं आम हैं।
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पिछले साल दिसंबर में भी एक यात्री नौका के एक मालवाहक जहाज से टकराने और डूबने से लगभग 37 लोग डूब गए थे। नवंबर में देश के दक्षिण में भोला द्वीप के पास एक ओवर लोडेड ट्रिपल डेकर नौका के पलट जाने से कम से कम 85 लोग डूब गए थे।
एक हफ्ते बाद एक और नाव डूब गई जिसमें 46 लोगों की मौत हो गई। इस साल अब तक बांग्लादेश में कई छोटी नाव दुर्घटनाओं में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है।
नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश की सैकड़ों हजारों छोटी और मध्यम आकार की नौकाओं में से 95 प्रतिशत से अधिक न्यूनतम सुरक्षा नियमों को पूरा नहीं करती हैं।
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