Fraud Lottery Scheme : अमेरिका के मैसाचुसेट्स के एक परिवार ने एक ‘फ्रॉड लॉटरी स्कीम’ के जरिए 14,000 से विनर टिकटों को भुनाते हुए 50 करोड़ का चूना लगाया है। बोस्टन के वॉटरटाउन में एक परिवार के पिता और पुत्र अली जाफर (63) और यूसुफ जाफर (29) को आयकर विभाग को धोखा देने और मनी लाउंड्री की साजिश रचने का दोषी पाए जाने के बाद मई में सजा सुनाई गई है।
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नौ साल बाद हुआ खुलासा
बोस्टन ग्लोब की एक नई रिपोर्ट के अनुसार यह मामला राज्य के इतिहास में सबसे बड़ी लॉटरी धोखाधड़ी के रूप में दर्ज किया गया है, जिसमें बताया गया है कि नौ साल बाद उन्हें कैसे पकड़ा गया। डीओजे (US Department of Justice) ने दिसंबर में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इसकी वजह से फेडरल टैक्सपेयर्स को 50 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।
ऐसे किया गया फ्रॉड
मामले में पाया गया कि 2011 और 2020 के बीच, यह परिवार ‘टेन-परसेंटर’ कहलाने वाली स्कीम में शामिल थी। लॉटरी जीतने वाले टिकट धारक विशेष रूप से बड़ी रकम जीतने पर देय कर(Payable tax) का भुगतान करना पसंद नहीं करते इसलिए वह एक ‘टेन-परसेंटर’ नामक ऑफ-द-बुक लेनदेन में टिकट को उसके मूल्य का लगभग 90% नकद में खरीदने की पेशकश करता है।
लौटानी होगी रकम
टिकट की ब्रांडिंग करते हुए, दस प्रतिशत वाला फिर जीत जाता है और पुरस्कार का दावा करता है। फिर वे आयकर फाइलिंग में अपनी जीत की रिपोर्ट पेश करते हैं, लेकिन अक्सर जुए में हुई हार से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए इसको कैपिटल लॉस में दिखते हैं। अली, यूसुफ और उनके एक दूसरे बेटे, मोहम्मद ने 166 करोड़ के टिकटों का उपयोग करके इस तरह 16 करोड़ से अधिक की कमाई की, जिससे टैक्स रिफंड में लगभग पौने 9 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। डीओजे का कहना है कि उन्हें अपनी ‘जीत’ की रकम वापस लौटानी होगी, साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप में आईआरएस को 50 करोड़ भी चुकाने होंगे।