Uttar Pradesh Lok Sabha Election 2024: कहते हैं कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। मुख्य पार्टियों का फोकस उत्तर प्रदेश पर रहता है। यहां से अधिक से अधिक सीटें जीतने की कोशिश हर दल करता है। उत्तर प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर इंडिया गठबंधन ने हर सीट पर दी है। लेकिन 30 से अधिक सालों तक यूपी की सियासत में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली बीएसपी इस बार इतनी सक्रिय दिखाई नहीं दी। पिछड़े और दलित बीएसपी के कोर वोटर माने जाते हैं।
लोग कयास लगाने लगे हैं कि क्या कोर वोटर्स बीएसपी से छिटक कर दूसरे दलों का रुख कर गए हैं? क्या हाथी की चाल सुस्त हो गई है? एनडीए और इंडिया गठबंधन ने भी दलित वोटरों को साधने के लिए इस बार काफी प्रयास किया है। इसका असर चुनाव के बीच भी देखने को मिला है। कुछ बीएसपी के एजेंट भी दबी जुबान से कहते हैं कि उनकी पार्टी की हालत जमीनी स्तर पर काफी खराब है। कार्यकर्ताओं में उत्साह न के बराबर है। क्या वाकई बीएसपी अपना जनाधार खो चुकी है? बसपा सुप्रीमो मायावती क्याें अब सक्रिय नहीं दिख रही हैं? आइए देखते हैं ये विशेष रिपोर्ट…