भारत में ट्रेन से यात्रा करना आम लोगों के लिए सबसे आसान और किफायती तरीका है। ट्रेन टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव करने के पीछे IRCTC का मकसद टिकट बुकिंग में धोखाधड़ी को रोकना है। IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक करते समय अब यात्रियों को उनके मोबाइल नंबर पर एक OTP मिलेगा। जब तक आप इस OTP को वेरिफाई नहीं करेंगे, तब तक आप पेमेंट पेज पर नहीं जा पाएंगे। यह नियम सभी यात्रियों पर लागू होगा, चाहे आपने पहले IRCTC पर रजिस्ट्रेशन कराया हो या नहीं। इसका उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि टिकट सही यात्री द्वारा बुक किया जाए। इसके अलावा सुरक्षा और गोपनीयता को और मजबूत किया जा सकेगा।
वहीं, 1 मई से ट्रेन टिकट की एडवांस बुकिंग की अवधि घटाकर 90 दिन कर दी गई है। यानी अब कोई भी यात्री 90 दिन पहले ही यात्रा के लिए टिकट बुक कर सकेगा। साथ ही ये भी कहा गया है कि नियम 1 मई से लागू हो गया है, हालांकि ये नियम फेस्टिवल और स्पेशल ट्रेनों पर लागू नहीं होगा।
क्या है नया रिफंड पॉलिसी?
नए नियमों के तहत रेलवे ने रिफंड पॉलिसी को आसान बना दिया है। पहले कैंसिल टिकट का पैसा वापस आने में 5 से 7 दिन का समय लगता था, लेकिन अब सिर्फ 48 घंटे यानी 2 दिन में ही रिफंड आपके खाते में आ जाएगा। ये सुविधा ऑनलाइन और काउंटर से बुक किए गए दोनों तरह के टिकटों के लिए उपलब्ध है। रेलवे टिकट अब उसी दिन और ट्रेन के लिए वैध होंगे जिसका उल्लेख टिकट पर किया गया है। अगर आपने ई-टिकट बुक किया है तो उसका प्रिंट आउट लेना जरूरी नहीं है। आप अपने मोबाइल पर टिकट दिखाकर यात्रा कर सकते हैं।
कैंसिल करने पर देने होंगे चार्ज
अगर आप ट्रेन छूटने से 48 घंटे पहले कन्फर्म टिकट कैंसिल कराते हैं तो आपको कोच के हिसाब से अलग-अलग चार्ज देना होगा। फर्स्ट एसी या एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए आपको 240 रुपये कैंसिलेशन चार्ज देना होगा। वहीं, सेकेंड एसी या फर्स्ट क्लास के लिए आपको 200 रुपये, 3ए के लिए 180 रुपये, स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपये और सेकंड क्लास के लिए 60 रुपये कैंसिलेशन चार्ज देना होगा। रेलवे ने वेटिंग टिकट वालों के लिए भी नया नियम लागू किया है। अगर आपके पास वेटिंग टिकट है तो आप 1 मई से स्लीपर या एसी कोच में यात्रा नहीं कर पाएंगे। यानी अब बिना कन्फर्म टिकट के यात्रा करने की छूट नहीं मिलेगी।