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Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए क्या-क्या जरूरी? जानें डिटेल

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले जम्मू की तवी नदी पर विश्व हिंदू परिषद ने ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर प्रथम पूजा का आयोजन किया गया। इस अनुष्ठान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल भी मौजूद रहे। इसके बाद अब 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत की जाएगी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shivani Jha Updated: Jun 12, 2025 12:52
Amarnath Yatra 2025
अमरनाथ यात्रा के लिए क्या-क्या जरूरी? फोटो सोर्स News24

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा को लेकर 11 जून 2025 को जम्मू के तवी नदी तट पर विश्व हिंदू परिषद ने ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर प्रथम पूजा का आयोजन किया गया, जो पूरा हो चुका है। पूजा त्रिकूट पहाड़ियों और रघुनाथ मंदिर की पृष्ठभूमि में माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ संपन्न हुई। यह आयोजन सामुदायिक सहभागिता के साथ किया गया है, जो अमरनाथ यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 38 दिनों तक चलेगी, जो 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा पर समाप्त होगी। आइए जानते हैं कि इस यात्रा का क्या महत्व है और इसके लिए क्या-क्या चीजें जरूरी हैं?

क्या है यात्रा का धार्मिक महत्व?

अमरनाथ यात्रा अपने आप में अनूठी तीर्थयात्रा है। यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि आत्मिक तपस्या और शिव-शक्ति के मिलन का प्रतीक है। यह यात्रा 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा तक होती है। यहां प्राकृतिक रूप से बर्फ से भगवान शिव का शिवलिंग बनता है, जिसे हिमलिंग भी कहा जाता है। बाबा शिव के इस स्वरूप को बर्फानी भी कहा गया है। स्कंद पुराण और कालिका पुराण के अनुसार इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी, जो अमरता और मोक्ष का रहस्य बताती है। मान्यता है कि इस कथा को सुनने से मृत्यु का भय समाप्त होता है और व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करता है।

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यह यात्रा श्रद्धा, तप और समर्पण का संगम है। हर साल लाखों लोग इस कठिन यात्रा को पूरा करते हैं। स्कंद पुराण में कहा गया है, ‘अमरनाथ गमनं पुण्यं मृत्युञ्जय पदं लभेत्,’ अर्थात् अमरनाथ की यात्रा करने वाला व्यक्ति मृत्यु को जीतने वाला शिव-पद प्राप्त करता है। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शांति देती है, बल्कि तांत्रिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शिव-तत्त्व और चंद्र-तत्त्व के योग को दर्शाती है।

अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण है जरूरी

  • अमरनाथ यात्रा के दर्शन करने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट jksasb.nic.in को खोलें।
  • वेबसाइट के होम पेज पर राइट साइड रजिस्टर या लॉग इन बटन पर क्लिक करें।
  • जैसे ही आप बटन पर क्लिक करेंगे, वैसे ही रजिस्ट्रेशन का फॉर्म खुल जाएगा।
  • फॉर्म में आपको यात्री की सारी जानकारी भरनी होंगी। साथ ही जरूरी डॉक्यूमेंट्स को स्कैन करके अपलोड करना होगा।
  • अब साइन अप के बटन पर क्लिक करके पासवर्ड डेवलप करें। इससे आपका अकाउंट बन जाएगा।
  • पासवर्ड बनाने के बाद फिर से लॉगिन पेज पर जाएं। यहां पर पर्सनल डैशबोर्ड के बटन पर क्लिक करें।
  • लॉगिन पेज खुलने पर अपना यूजर नेम, मोबाइल नंबर और पासवर्ड डालें।
  • इसके बाद कैप्चा कोड मांगा जाएगा, जिसे आपको भरना है। अब साइन इन के बटन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको तीर्थ यात्रा की तिथि, यात्रियों की संख्या और टूर प्लान की जानकारी भरनी होगी।
  • रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपके फोन पर एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर एसएमएस के जरिए आएगा।
  • रजिस्ट्रेशन कंप्लीट होने के बाद फॉर्म को डाउनलोड कर लें और उसकी कॉपी यात्रा के दौरान अपने साथ रखें।

हेल्थ सर्टिफिकेट

यात्रा में शामिल होने के लिए आपके पास हेल्थ सर्टिफिकेट होना जरूरी है। इसके लिए साइट पर सभी राज्यों में डॉक्टरों की लिस्ट भी जारी की गई है। साथ ही इसमें वह फॉर्म भी है, जिसमें इस सर्टिफिकेट में क्या-क्या चाहिए, उसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी।

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यात्रा से जुड़ी क्वेरी

अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक साइट पर सबसे ऊपर यात्रा से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी का समाधान दिया गया है। इसके लिए पहला ऑप्शन ईमेल सपोर्ट का दिया गया है, जिसमें किसी भी तरह की जानकारी ले सकते हैं। इसके लिए ईमेल एड्रेस ITHELPDESKSASB1@GMAIL.COM पर अपनी बात रख सकते हैं। वहीं, दूसरी हेल्प डेस्क ITHELPDESKSASB2@GMAIL.COM पर भी जा सकते हैं।

First published on: Jun 12, 2025 12:52 PM

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