Heaven Stairs Made by Ravan: सनातन धर्म के लोगों के लिए स्वर्ग और नरक का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, मरने के बाद उनकी आत्मा स्वर्ग लोक जाती है। वहीं जिन लोगों ने जिंदगीभर बुरे कर्म किए होते हैं, उनकी आत्मा को मरने के बाद नरक लोक भेजा जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, स्वर्ग में देवी-देवताओं का वास होता है। इसी वजह से आए दिन खबरें आती रहती हैं कि कुछ लोग स्वर्ग तक जाने का रास्ता ढूंढ रहे हैं, क्योंकि पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि दस मुख वाले रावण ने धरती से स्वर्ग तक जाने की चार अलग-अलग जगह सीढियां बनाई थी। आज हम आपको स्वर्ग तक जाने वाली उन चार सीढ़ियां के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका उल्लेख आज भी धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।
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किसने बनाई थी स्वर्ग की सीढ़ियां?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण भगवान शिव का परम भक्त था। वो नियमित रूप से उनकी पूजा किया करता था। एक बार रावण ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए अपने 10 सिर में एक सिर काट दिया और उसे शिव जी को अर्पित कर दिया। रावण का त्याग देखकर शिव जी खुश हुए और वो खुद धरती पर आए। तब रावण ने शिव जी से अमर होने का वरदान मांगा।
शिव जी ने रावण से कहा कि अगर वो धरती पर अपने हाथों से स्वर्ग तक जाने के लिए 5 सीढियों का निर्माण करेगा, तो वह उन्हें अमर होने का वरदान दे देंगे। रावण ने 4 सीढ़ियां तो बना ली, लेकिन 5वीं सीढ़ी बनाते समय उसे नींद आ गई और वो सो गए। इस तरह वो स्वर्ग तक जाने की 5वीं सीढ़ी नहीं बना पाए।
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कहां हैं स्वर्ग की सीढ़ियां?
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, रावण ने स्वर्ग की पहली सीढ़ी का निर्माण हरिद्वार में किया था, जिसे आज लोग हर की पौड़ी के नाम से जानते हैं।
- स्वर्ग की दूसरी सीढ़ी हिमाचल प्रदेश के प्राचीन शिव मंदिर पौड़ीवाला में बनाई गई थी।
- स्वर्ग की तीसरी सीढ़ी का रास्ता भी हिमाचल के चुडे़श्वर महादेव मंदिर से जाता है।
- वहीं चौथी पौड़ी यानी सीढ़ी किन्नौर कैलाश पर्वत पर बनाई गई है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।