हरिद्वार: योग गुरु बाबा रामदेव ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हरिद्वार के बोदहेरी मोहिउद्दीनपुर गांव में एक मदरसे में तिरंगा फहराया। इस दौरान रामदेव ने कहा कि अगले 25 वर्षों में हम हमारी सनातन परंपरा से भारत को विश्वगुरु (Super Power) बनाएंगे।
अगले 25 वर्षों में हम हमारी सनातन परंपरा से भारत को विश्वगुरु-SuperPower बनाएंगे
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— News24 (@news24tvchannel) August 15, 2022
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मदरसे में झंडा फहराने के बाद बाबा रामदेव ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, अखंडता, संप्रभुता का ये संगम है, एक तरफ हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे गूंज रहे हैं और वतन के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने का जज्बा जाग रहा है… आजादी के अमृत महोत्सव का इससे बड़ा और क्या उदाहरण हो सकता है।
रामदेव बोले- ऐसे भारत को बनाएंगे सुपर पावर
मदरसे में झंडा फहराने के लेकर पूछे गए सवाल पर रामदेव ने कहा कि ये हमारी नई परंपरा नहीं, यही हमारी सनातन परंपरा है कि हम सब मिलजुल कर राष्ट्र की एकता, अखंडता और एकता के लिए, राष्ट्र के गौरव और वैभव को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम सब मिलकर आजादी के अमृत महोत्सव से लेकर आजादी के शताब्दी वर्ष तक इस भारत को इतनी ऊंचाई तक लेकर जाएंगे कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा… इस बात को मूर्त रूप देकर भारत को दुनिया की महाशक्ति, परम वैभवशाली, जगतगुरु, विश्वगुरु, सुपरपावर बनाएंगे।
पीएम मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए दिया है पंच प्राण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लोगों से एक विकसित राष्ट्र के लिए ‘पंच प्राण’ (पांच प्रतिज्ञा) लेने का आह्वान किया और 2047 में भारत की स्वतंत्रता के 100 वें वर्ष तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने का लक्ष्य रखा। प्रधानमंत्री ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन पांच प्रतिज्ञाओं के बारे में बात की जिन पर देश को अगले 25 वर्षों तक ध्यान देने की आवश्यकता है।
ये हैं पीएम मोदी के पंच प्राण…
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहला प्राण विकसित भारत के बड़े संकल्प और संकल्प के साथ आगे बढ़ना है।
- दूसरा प्राण दासता के सभी निशान मिटाना है। भले ही हम अपने अंदर या अपने आस-पास दासता की छोटी-छोटी चीजें देखें, हमें इससे छुटकारा पाना होगा उन्हें।
- तीसरा है हमारी विरासत पर गर्व करना।
- चौथा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के हमारे सपनों के लिए एकता की ताकत है।
- पांचवां प्राण नागरिकों का कर्तव्य है जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।