Lucknow: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश के बाद आज यानी शनिवार से प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे (Survey of madrasas) शुरू हो गया है। इसमें जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीमों के साथ मदरसों का दौरा कर सर्वे करेंगे। टीम में प्रशासन और शिक्षा विभाग के अलावा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लोग शामिल होंगे। सर्वेक्षण के दौरान राज्य के प्रत्येक जिले में छात्रों और शिक्षकों की संख्या के साथ-साथ मदरसे की आय के स्रोत की जानकारी भी जुटाई जाएगी।
31 अगस्त को प्रदेश सरकार ने लिया था फैसला
प्रदेश की योगी सरकार ने निर्देश दिया था कि 5 अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा कर 25 अक्टूबर तक राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश की जाएगी। 31 अगस्त को यूपी सरकार ने बुनियादी सुविधाओं की स्थिति की जांच के लिए राज्य के गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का फैसला किया था। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने जानकारी दी थी कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की आवश्यकता के अनुसार राज्य के सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मदरसों में छात्रों को सुविधाओं के लिए इसे शुरू किया जाएगा।
Lucknow | Survey of madrasas to start today. We will analyze whether survey teams have been formed in all districts. The opposition considers minorities as a vote bank but the Center believes in providing duties & rights to all minorities: UP Minister, Dharm Pal Singh pic.twitter.com/S1NOSOTJh9
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 10, 2022
---विज्ञापन---
बैठक के बाद मदरसों को लेकर हुए थे कई फैसले
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह फैसला लिया था। इसके तहत सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के स्थानांतरण की अनुमति देने वाला एक आदेश पारित किया। साथ ही प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने की बात कही है। राज्य मदरसा बोर्ड की महिला कर्मचारी सदस्यों को अब मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव भी मिंलेगी। राज्य मंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण) दानिश रजा ने बताया कि मदरसों में स्टाफ सदस्यों और शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लिया गया। इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के प्रमुख ओवैसी भड़क गए।