Ziaul Haq’s Murder Case: प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक के हत्याकांड मामले में लखनऊ सीबीआई कोर्ट ने सजा सुना दी है। सभी 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा सभी दोषियों पर 19 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने कुल जुर्माने की 50 फीसदी रकम को सीओ जियाउल हक की विधवा पत्नी परवीन आजाद को देने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे ,मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और गुलशन यादव को पहले ही क्लीन चिट मिल गई है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, 2 मार्च 2013 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में शाम साढ़े सात बजे वहां के प्रधान नन्हें सिंह यादव की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद गांव में बवाल मच गया था। प्रधान के समर्थकों ने रात सवा आठ बजे बलीपुर गांव के कामता पाल के घर में आग लगा दी थी। इस घटना के बाद कुंडा थाना प्रभारी सर्वेश मिश्र अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे थे, लेकिन उग्र भीड़ को देखते हुए वो नन्हें सिंह यादव के घर की तरफ नहीं जा सके। इसके बाद मौके पर सीओ जिया उल हक गांव पहुंचे और वो दूसरी तरफ से प्रधान के घर के पास पहुंच गए थे।
प्रतापगढ़: CO जिया उल हक हत्याकांड में 11 साल बाद फैसला
10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
जियाउल हक की लाठी-डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और गुलशन यादव को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है pic.twitter.com/orKcXk5905— Sajid Ali (@Sajidali_Journo) October 9, 2024
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उनके वहां पर पहुंचते ही फायरिंग शुरू हो गई थी, जिससे डरकर सीओ के गनर इमरान और दरोगा विनय कुमार सिंह खेत में छुप गए थे। तभी नन्हें सिंह यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की मौत हो गई। इसके बाद उग्र भीड़ ने जियाउल हक पर हमला कर दिया था। उग्र भीड़ ने उन्हें लाठी डंडों से पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान किसी ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या का आरोप राजा भैया और गुलशन यादव समेत कई लोगों पर लगा था।