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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

क्या था मानहानि का वो केस? जिसमें बरी हुए आजम खान, लखनऊ MP MLA कोर्ट ने फैसले में क्या कहा

What 2019 defamation case which Azam Khan was acquitted: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आज लखनऊ की MP MLA कोर्ट ने जिस मानहानि के मामले से बरी किया, वह 2019 का केस था, जो लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में आजम खान के खिलाफ दर्ज करवाया गया था, जानें क्या था वो मानहानि केस?

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Vijay Jain Updated: Nov 7, 2025 21:15
Azam Khan

What 2019 defamation case which Azam Khan was acquitted: लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में आज़म ख़ान पर 6 साल पहले दर्ज मानहानि के केस से लखनऊ MP MLA कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. आजम खान के खिलाफ 2019 में सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने, मानहानि करने के मामले में केस दर्ज किया गया था. 2014 में कैबिनेट मंत्री रहते हुए आज़म ख़ान पर सरकारी लेटर हेड,मुहर का गलत इस्तेमाल कर भाजपा,आरएसएस और शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद को बदनाम कर राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचाने का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने आज आज़म ख़ान को बरी कर दिया.

फैसले में क्या कहा लखनऊ MP MLA कोर्ट ने

लखनऊ एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान को आज बरी कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वादी खुद को इस मुकदमे का पीड़ित साबित नहीं कर सके. इस मुकदमे से संबंधित कोई भी दस्तावेजी सबूत या गवाह भी कोर्ट में पेश नहीं हुआ. 2014 की घटना में 2019 में आज़म ख़ान के खिलाफ़ एडवोकेट अल्लामा ज़मीर नकवी ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. इसी एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने छह साल पुराने मामले में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को बरी कर दिया था. वो यह मामला 2019 में आप नेता फैसल लाला को धमकाने से जुड़ा था.

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कोर्ट के फैसले पर क्या बोले आजम खान?

अदालत के फैसले के बाद आजम खान ने बताया कि कोर्ट ने जो फैसला सुनाया वो ईमान वाला फैसला सुनाया दुआ दे सकता हूं जज साहब को. आप लोगों ने लॉ एंड ऑर्डर के बारे में सवाल पूछा तो हमने कहा ऑर्डर तो है बाकी कुछ नहीं है. जो लॉ है वह जस्टिस की शक्ल में कायम रहे जैसा आज हुआ है. कमजोरों को बहुत उम्मीद बंध जाएगी. मुझ पर , अब्दुल्ला पर , मेरी बीवी पर मेरे भाई पर , मेरी मेरी हुई मां पर सैकड़ो मुकदमें हैं, टोटल कितने हैं यह तो वकील से पूछ कर बताना पड़ेगा. हमारे लोग जेल में हैं, मेरे साथी अजहर अली अभी भी बिजनौर के जेल में हैं. हम खून की किस्तें तो कई दे चुके हैं, लेकिन ऐ खाके वतन ये कर्ज अदा क्यों नहीं होता. जो लॉ है वह जस्टिस की शक्ल में कायम रहे जैसा आज हुआ है. कमजोरों को बहुत उम्मीद बंध जाएगी.

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First published on: Nov 07, 2025 08:52 PM

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