UP News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में प्राइवेट स्कूल के प्रबंधन की ओर से 10 बच्चों (छात्रों) के नाम काट दिए। इन गरीब बच्चों को आरटीई के तहत स्कूल में दाखिल किया गया था। प्रिंसिपल लगातार बच्चों से फीस की मांग कर रहा था। आरोप है कि फीस नहीं देने पर बच्चों को कड़ी धूप में खड़ा रखा जाता था। पीड़ित अभिभावक जब डीएम दिव्या मित्तल से मिले तो उन्होंने जांच के आदेश दिए।
डीएम ने इस दौरान बच्चों और अभिभावकों को दिलासा दिया कि चिंता न करो। घर जाओ। डीएम का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मिर्जापुर के कौन ब्लॉक क्षेत्र का है मामला
जानकारी के मुताबिक ये मामला मिर्जापुर के कौन ब्लॉक स्थित चंदेल डढ़िया का है। यहां के 10 गरीब बच्चों का दाखिला आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के बल्ली परवा के एक स्कूल में कराया गया था। बताया गया है कि स्कूल ने अब इन बच्चों का नाम आरटीई की लिस्ट से काट दिया है। अब उन्हें पढ़ने नहीं दिया जा रहा है। आरोप है कि बच्चों से फीस की मांग की जा रही थी। फीस नहीं देने पर बच्चों को कड़ी धूम में घंटों खड़ा रखा जाता था।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल का ये वीडियो आपका दिल जीत लेगा #Mirzapur @divyamittal_IAS pic.twitter.com/YG5OoiYLJK
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डीएम की गाड़ी के पास पहुंचे बच्चे और अभिभावक
परेशान होकर इन बच्चों के अभिभावक डीएम दिव्या मित्तल के कार्यालय में पहुंचे। इसी दौरान डीएम अपनी सरकारी गाड़ी में बैठकर कहीं जा रही थीं। बच्चों और अभिभावकों को देखकर वे रुक गईं। इस दौरान उन्होंने समस्या पूछी तो अभिभावकों ने अपनी पीड़ा सुनाई। इस दौरान बच्चों ने डीएम साहिबा को नमस्ते कहा। इस पर वे मुस्कराईं। कहा कि आप चिंता न करो। दाखिला हुआ है तो पढ़ाई भी होगी। उन्होंने बच्चों और अभिभावकों को घर भेज दिया।
बताया गया है कि डीएम ने इस मामले की जांच बीएसए को सौंपी है। उधर अभिभावकों की गुहार और डीएम साहिबा की ओर से दिए गए आश्वासन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग डीएम की तारीफ कर रहे हैं।