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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

उत्तरकाशी में 28 टूरिस्ट लापता, गंगोत्री के लिए हुए थे रवाना, बादल फटने के बाद कैसे हैं हालात?

Uttarkashi Cloudburst Tragedy: उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी में बादल फटने के बाद आई आपदा में लापता हुए लोगों की तलाशी जारी है। आपदा में केरल के 28 टूरिस्ट भी लापता हुए हैं, जिन्हें तलाश करने की गुहार उनके रिश्तेदारों ने लगाई है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Aug 6, 2025 16:13
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उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद हालात काफी खराब हैं।

Uttarkashi Cloudburst Tragedy: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने के बाद आई प्राकृतिक आपदा में केरल के 28 टूरिस्ट लापता हो गए हैं। लापता हुए टूरिस्ट के रिश्तेदार ने यह जानकारी मीडिया को दी और बताया कि केरल के 28 टूरिस्ट गंगोत्री धाम जाने के लिए निकले थे और रास्ते में धराली गांव में ठहरे थे। उन्हें सुबह गंगोत्री के लिए निकलना था, लेकिन अब उनका सुराग नहीं मिल रहा है। शायद वे आपदा की चपेट में आ गए हैं।

टूरिस्टों से नहीं हो पा रहा संपर्क

लापता टूरिस्टों के रिश्तेदार ने बताया कि एक दिन पहले ही रिश्तेदार से बात हुई थी और उन्होंने बताया था कि वे गंगोत्री जा रहे हैं। वे जिस रास्ते पर थे, उसी रास्ते पर भूस्खलन हुआ है, ऐसी जानकारी मिली है। रिश्तेदारों से अब संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। हो सकता है कि वे आपदा की चपेट में आए हों। हो सकता है कि फोन नेटवर्क न हो या फोन की बैटरी खत्म हो गई हो। जो भी हुआ है, उत्तराखंड की सरकार से अपील है कि सभी 28 टूरिस्टों का पता लगाया जाए।

इन 3 जगहों पर फटा था बादल

बता दें कि 5 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 1:45 बजे उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी में बसे धराली गांव के पास खीर गंगा नाले में बादल फटा। इसके बाद दोपहर 3 बजे सुक्खी टॉप और 3:30 बजे हर्षिल घाटी में ही सेना के कैंप के ऊपर भी बादल फटा। तीनों जगह बादल फटने के बाद पहाड़ी से मिट्टी का सैलाब, मलबा, पानी और बड़े-बड़े पत्थर आए, जो अपने साथ धराली गांव, हेलीपैड और सेना के कैंप को बहा ले गए।

आपदा से हुआ इतना नुकसान

बता दें कि प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने से अब तक 10 लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। धराली गांव के 50 से 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। हर्षिल घाटी में सेना के कैंप पर बादल फटने से 8 से 10 जवान लापता हैं। खीर गंगा नाले में अचानक आए सैलाब और मलबे ने धराली गांव को 20 से 34 सेकंड में जमींदोज कर दिया। 20 से 25 होटल और होमस्टे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा गया है।

बचाव, राहत कार्य और चुनौतियां

उत्तरकाशी में आई आपदा के बाद मौके पर बचाव और राहत कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सेना, NDRF, SDRF, ITBP और स्थानीय पुलिस 150 से अधिक जवानों के साथ बचाव कार्य कर रही है, लेकिन भारी बारिश, भूस्खलन, और ठप पड़े रास्तों के कारण लापता लोगों की तलाश करने में मुश्किल आ रही है।

सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टर फंसे हुए लोगों को निकालने और उन तक खाना-पानी पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन खराब मौसम बाधा बन रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदास्थल का दौरा किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मदद का आश्वासन दिया है।

उत्तरकाशी प्रशासन ने लोगों को भागीरथी नदी के किनारों से दूर रहने को कहा है, क्योंकि बादल फटने के बाद आए मलबे और पानी से नदी उफान पर बह रही है। नदी के पानी का प्रवाह रुकने से एक अस्थायी झील भी बन गई है। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं और साथ ही अफवाहों से बचने की सलाह भी लोगों को दी गई है।

First published on: Aug 06, 2025 03:53 PM

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