Uttarakhand madrasa Student Will Study Sanskrit And Islamic Studies: देवभूमि उत्तराखंड के मदरसों में अब इस्लामिक शिक्षा के साथ बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाएगी। मदरसे प्राइवेट स्कूलों की तरह मॉडर्न होंगे। इसके लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पूरा खाका खींच दिया है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने बोर्ड के साथ पंजीकृत मदरसों में शिक्षा का एक हाइब्रिड मॉडल शुरू करने का फैसला किया है, जिसमें संस्कृत भी शामिल है। एक महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में मॉडल को शुरुआत में राज्य के चार मदरसों में लागू किया जाएगा।
117 रजिस्टर्ड मदरसों में जल्द शुरू होगी पढ़ाई
बोर्ड के सीईओ शिराज हुसैन ने कहा कि अब तक रजिस्टर्ड 117 मदरसों में केवल अरबी के साथ-साथ इस्लामी शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता था। लेकिन अब क्लासेज एनसीईआरटी सिलेबस के आधार पर चलेंगी। संस्कृत भी पढ़ाई जाएंगी। संस्कृत एनसीईआरटी सिलेबस में एक विषय है। इसलिए मदरसा छात्र इसका अध्ययन कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मदरसा के छात्रों को बाद में शिक्षा के दौरान अन्य छात्रों के साथ घुलना-मिलना मुश्किल होता है, क्योंकि उन्हें केवल इस्लामिक शिक्षा दी जाती है। लेकिन अब दीनी शिक्षा के के अलावा कक्षा 1 से कक्षा 8 तक एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकेंगे।
भाषा को धर्म से न जोड़ा जाए
बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि किसी भी भाषा को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और हर किसी को सीखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में संस्कृत आधिकारिक भाषाओं में से एक है और हम अपने मदरसों में केवल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं। जिसमें इसे हिंदी और अंग्रेजी की तरह एक विषय के रूप में शामिल किया गया है। ऐसे कई मदरसा छात्र हैं जिनके माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे सभी विषयों का अध्ययन करें। जैसे सरकारी और पब्लिक स्कूलों के बच्चे पढ़ाई करते हैं।
ये चार मदरसे पायलट प्रोजेक्ट में चयनित
शम्स ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के लिए चार चयनित संस्थान देहरादून की मुस्लिम कॉलोनी, रूड़की (हरिद्वार) में रहमानिया मदरसा, खटीमा में रहमानिया मदरसा, यूएस नगर और नैनीताल जिले के रामनगर में जामा मस्जिद मदरसा हैं।
शम्स ने कहा कि शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होगा, जहां छात्र कुरान के साथ-साथ सभी विषयों का अध्ययन करेंगे। सीएम धामी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने किताबें, ड्रेस और फर्नीचर सहित सभी सुविधाएं देने का आश्वासन दिया है। उनका दावा है कि मुस्लिम समुदाय के सदस्य हमारी पहल से खुश हैं।
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